नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। मुश्किलों से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजू ने कथित तौर पर जनवरी महीने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में देरी की है, क्योंकि कंपनी का टारगेट राइट्स इश्यू के जरिए धन जुटाना है।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी ने पहले अपने कर्मचारियों के लिए जनवरी का वेतन भुगतान 1 फरवरी को सूचीबद्ध किया था, जिसमें अब देरी हो रही है।
दिसंबर में कंपनी ने अपने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनका वेतन हर महीने की पहली तारीख को आ जाएगा।
कंपनी ने वेतन में देरी पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। यह खबर सबसे पहले मनी कंट्रोल द्वारा रिपोर्ट की गई।
वेतन में देरी की खबर ऐसे समय में सामने आ रही है, जब अमेरिका में बायजू की अल्फा यूनिट ने डेलावेयर की अमेरिकी कोर्ट में चैप्टर 11 दिवालियापन कार्यवाही के लिए दायर किया, जिसमें 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर की देनदारियों को सूचीबद्ध किया गया है।
ऐसी रिपोर्ट भी सामने आईं कि बायजू के निवेशक बायजू रवींद्रन के नेतृत्व वाली कंपनी के शीर्ष मालिकों को बाहर करने की मांग कर रहे हैं, उनका कहना है कि वे मौजूदा नेतृत्व के तहत भविष्य की स्थिरता के बारे में काफी चिंतित हैं।
पिछली रिपोर्ट के अनुसार, निवेशक फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट और अनुपालन मुद्दों पर समाधान अपनाने के लिए एक असाधारण आम बैठक (ईजीएम) की मांग कर रहे हैं।
बोर्ड में संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन, उनकी सह-संस्थापक और पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं।
बायजू की मूल कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) ने इस सप्ताह की शुरुआत में परिचालन स्थिरता हासिल करने के लिए अपने सभी इक्विटी शेयरधारकों के लिए राइट्स इश्यू के जरिए 200 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी।
कंपनी ने एक बयान में कहा, प्रस्तावित राइट्स जारी करने का लक्ष्य मौजूदा पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करना और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों का समर्थन करना है।
रिपोर्ट के अनुसार, एडटेक प्रमुख 2022 में अपने 22 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्यांकन के सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 250 मिलियन डॉलर की भारी कटौती पर धन जुटाने जा रहा है।
सबसे बड़े शेयरधारक के रूप में, बायजू के संस्थापकों ने पिछले 18 महीनों में 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
बायजू के 1.2 बिलियन डॉलर के सावधि ऋण के विदेशी ऋणदाताओं ने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच के समक्ष एक याचिका भी दायर की है।
–आईएएनएस
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