बाराबंकी, 9 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाल से छोड़े गए पानी से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरयू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पड़ोसी देश के गिरजा और शारदा बैराज से 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते सरयू नदी लगातार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।
सरयू नदी खतरे के निशान से लगभग 15 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुकी है, जिसके चलते इसके किनारे बसे दर्जनों गांव बाढ़ के पानी में डूबने लगे हैं। जानकारी के अनुसार नेपाल से अभी और पानी छोड़े जाने की संभावना है।
सरयू नदी के पास बसे रामनगर तहसील क्षेत्र के सिसौंडा, दुर्गापुर और मल्लाहनपुरवा सहित दर्जनों गांव के ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। विकासखण्ड सूरतगंज के हेतमापुर, सुंदरनगर, ललपुरवा, कोडरी और बाबा पुरवा गांव पानी से भर चुके हैं।
कोरिनपुरवा, तपेसिपाह, जैनपुरवा में कटान का भी खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा रामनगर तहसील के प्राथमिक विद्यालय तपेसिपाह और सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय तेलवारी बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है।
स्कूल के शिक्षक पूनब ने बताया कि हर बार हमें बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। बच्चों को स्कूल आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में स्कूल को ऊंचे स्थान पर संचालित करना पड़ता है। हमें राशन, दस्तावेज और स्कूल से संबंधित सारी चीजों को सुरक्षित जगह पर ले जाना पड़ता है।
ग्रामीण श्रीराम ने बताया कि हर बार बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। खाने-पीने का कोई इंतजाम नहीं हुआ है। सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं हो रहा है।
वहीं जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में हम लगातार नजर बनाए हुए हैं। पिछले 2 माह से बांध को मेंटेन करने का कार्य किया जा रहा है। उनके लिए 15 जगहों पर राहत शिविर लगाया जाता है। जिनमें खाने-पीने से लेकर सभी तरह की सुविधा उपलब्ध होती है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन लोगों को लगातार सतर्क रहने की अपील कर रहा है। ग्रामीणों को किसी तरह की समस्या न हो, प्रशासन इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है। बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी।
–आईएएनएस
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