गांधीग्राम. दीपावली पर्व पर बाजार में बड़ी मात्रा में मिलावटी नकली मिठाई सामान की खेप पहुंच गई है. यही कारण है कि दूध, पनीर, मावा और मिठाई में मिलावट बढ़ने की आशंका है. जिसे रोकने में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के दावे भी नाकाम नजर आए. दीपोत्सव के पर्व से पहले बाजार में खाने वाले सामान की मांग बढ़ गई है.
दीपावली पर्व पर कूड़ा कंजई तिराहा गांधीग्राम से लेकर, बस स्टैंड में असली नकली खोवे की मिठाइयों की जमकर बिक्री की गई साथ ही वर्तमान में भी मिठाई की बिक्री अनवरत जारी है किंतु विभाग की कार्यवाही नहीं होने से होटल संचालकों की बांछे खिली हुई है मिठाई लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है ऐसे में खाद्य सामग्री में जमकर मिलावट हो रही है.
भले ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिलावट खोरों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है. लेकिन यह अभियान महज खानापूर्ति साबित हो रहा है. क्योंकि बाजार में दूध, मावा, मिठाई से लेकर हर खाने वाले सामान में जमकर मिलावट हो रही है. बाजार में सस्ते के चक्कर में यह सामान जमकर बिक रहा है. जिसके चलते आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
*शहर से आता है नकली खोवा,मिठाई….गांधीग्राम सहित आसपास के दो दर्जन गांवों के लोग गांधीग्राम की होटलों से दीपावली पर मिठाइयां ले गए व वर्तमान में भी ले रहे हैं.दिवाली पर बाजार में आया नकली मावा, मिठाई से विभाग सतर्क रहने की सलाह देते हैं ,विभाग कहता है कि इसके सेवन से कैंसर व किडनी फेलियर जैसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं.
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अभी भाईदूज और दीपोत्सव त्योहार को देखते हुए बाजार में मिठाईयों की मांग तेजी से हो रहीं है. आशंका है कि ऐसे में नकली मावा बाजार में सबसे ज्यादा खप रहा है. नकली मावा बनाने के लिए घटिया क्वालिटी के मिल्क पाउडर का यूज किया जाता है.
इसमें चूना, चॉक और सफेद केमिक्लस का यूज किया जाता है. नकली मावा बनाते समय दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया क्वालिटी का वनस्पति घी मिलाया जाता है. सिंथेटिक दूध बनाने के लिए दूध में वॉशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी मिलाकर तैयार किया जाता है. कुछ लोग मावे में सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं.