गुरुग्राम, 16 जनवरी (आईएएनएस)। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने मंगलवार को कहा कि किसी भी प्रमोटर को अग्रिम भुगतान या आवेदन शुल्क के रूप में फ्लैट, प्लॉट या भवन की लागत का 10 प्रतिशत से ज्यादा स्वीकार नहीं करना चाहिए।
रेरा अधिनियम, 2016 की धारा 13(1) और हरियाणा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 के नियम 8(1) का पालन करते हुए प्राधिकरण द्वारा सभी संभावित और मौजूदा आवंटियों को रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए अग्रिम भुगतान या आवेदन शुल्क को नियंत्रित करने वाले नियमों के बारे में सूचित किया जाता है।
रेरा अधिनियम, 2016 के अनुसार, किसी भी प्रमोटर को किसी अपार्टमेंट, प्लॉट या भवन की बिक्री के लिए लिखित समझौते और उक्त समझौते के पंजीकरण के बिना उसकी लागत का 10 प्रतिशत से अधिक राशि स्वीकार नहीं करनी चाहिए।
बिक्री के समझौते में अधिनियम के तहत निर्धारित विभिन्न परियोजना विवरण, भुगतान विवरण, कब्जे की तारीखें और अन्य प्रासंगिक जानकारी निर्दिष्ट होनी चाहिए।
इसके अलावा, हरियाणा रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) नियम, 2017 के नियम 8(1) के अनुसार, बिक्री के लिए समझौता अनुबंध “ए” के मुताबिक होगा, जिसे इस लिंक के माध्यम से देखा जा सकता है : हरियाणा रेरा नियम 2017।
इसमें कहा गया है, “सभी आवंटियों को आवासीय/वाणिज्यिक/औद्योगिक/आईटी/किसी अन्य उपयोग के लिए कोई इकाई/भूखंड/अपार्टमेंट खरीदते समय उपरोक्त नियमों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।”
–आईएएनएस
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