गोपालगंज, 29 फरवरी (आईएएनएस)। आपने अब तक भगवान को मंदिरों में देखा होगा, जहां श्रद्धालु उनकी पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। लेकिन, बिहार के गोपालगंज में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां भगवान को अपनी पहचान बताने के लिए एक मार्च को अदालत में हाजिर किया जाएगा।
दरअसल, यह पूरा मामला पुलिस और अदालत के बीच फंस गया है। भगवान की पहचान को लेकर अब अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए पुलिस भगवान को शुक्रवार को अदालत में पेश करेगी।
गोपालगंज के वरीराय भान गांव में स्थापित श्री राधाकृष्ण गोपीनाथ मंदिर से चोरों द्वारा वर्ष 2018 में श्री राधाकृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली गयी थी। इस मामले की प्राथमिकी हथुआ थाना में 13 फरवरी 2018 को दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में अंतिम प्रपत्र भी अदालत को सौंप दिया।
इधर, पिछले वर्ष 13 जून को तालाब से मिट्टी खुदाई के दौरान अष्टधातु की मूर्ति बरामद की गई, जिसे थाने के मालखाना में रखा गया है। इसके बाद घटना की सूचना देने वाले विपिन बिहारी ने मूर्ति की पहचान करते हुए उसे अपने मंदिर से चोरी हुई भगवान कृष्ण की मूर्ति होने का दावा किया और पूजा-पाठ व भोग के लिए इसे सौंपने की अपील की।
इधर, तालाब से बरामद मूर्ति को रामजानकी मंदिर के प्रभु श्रीराम की मूर्ति बताते हुए पुलिस ने अदालत को रिपोर्ट सौंपी। ऐसे, में अदालत ने मामले में राम और कृष्ण को अब अपनी पहचान देने को कहा है।
गोपालगंज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने पुलिस को उक्त मूर्ति की तस्वीर विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित करने का निर्देश दिया है, ताकि अन्य संभावित दावेदार भी सामने आएं और 1 मार्च को साक्ष्य देते हुए मूर्ति की पहचान करें।
इधर , अदालत ने राधाकृष्ण गोपीनाथ मंदिर के पुजारी विपिन बिहारी को भी साक्ष्य लाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में भगवान भी शुक्रवार को अदालत में हाजिर होंगे।
–आईएएनएस
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