नई दिल्ली, 25 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भी बिहार में ऐसी बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कांग्रेस को बिहार के प्रति लगाव अब दिख रहा है।
बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “आजादी से पहले कांग्रेस की बैठक एक बार बिहार में हुई थी। इतने सालों बाद कांग्रेस पार्टी अब बिहार को गंभीरता से ले रही है, लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि जब 2009 से 2014 तक उनकी सरकार केंद्र में थी, तब बिहार से कितने लोगों को मंत्री बनाया गया था? 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहे तो वह कितनी बार बिहार आए? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि बिहार कभी भी उनकी प्राथमिकता में नहीं था।”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस के गठबंधन में बहुत सारी चीजें अस्पष्ट हैं। कहीं न कहीं यह लगता है कि उनके बीच एक होड़ सी लगी हुई है कि हम ड्राइविंग सीट पर बैठेंगे। यह कांग्रेस का आंतरिक मुद्दा है। मुझे लगता है कि बिहार की जनता बहुत सजग और समझदार है। वहां के लोग जानते हैं कि उनके हित में क्या बेहतर है।”
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के दावे पर भी उन्होंने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “विपक्ष क्या कहेगा? वे कभी नहीं मानेंगे कि एनडीए की सरकार बनेगी, वे तो बस अपना काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर लोगों का ट्रस्ट बना हुआ है। वे जो कहते हैं, वही करते हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व को बिहार ने देखा है। मुझे नहीं लगता कि बिहार के लोग उस दौर में लौटना चाहेंगे, जिस दौर से बिहार मुश्किल से निकला है।”
बिहार में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा, “सही समय पर भाजपा लीडरशिप और एनडीए के सभी दलों के साथ बैठक होगी। बिहार में एनडीए की जो संयुक्त सभाएं हो रही हैं, उससे सीट शेयरिंग का कोई मुद्दा नहीं है। मेरा मानना है कि एनडीए और केंद्रीय नेतृत्व आने वाले समय में सीट शेयरिंग पर फैसला लेंगे।”
–आईएएनएस
एफएम/