मुजफ्फरपुर, 25 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार के मुजफ्फरपुर में चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उनके दो निजी सुरक्षाकर्मी की हत्या के मामले में मृतक शाही की पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए मामले के बाद पुलिस इस घटना के पीछे प्रॉपर्टी लेनदेन में विवाद और रंगदारी का मामला मान रही है। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल अब भी है कि इस घटना का सूत्रधार कौन है।
मृतक की पत्नी द्वारा दर्ज मामले में छह लोग — गैंगस्टर मंटू शर्मा, शूटर गोविंद, ओंकार, प्रॉपर्टी डीलर विक्कू शुक्ला, पूर्व पार्षद शेरू अहम और अधिवक्ता कासिम हुसैन उर्फ डॉलर को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। पुलिस ने इनमें से शुक्ला, शेरू अहमद और अधिवक्ता कासिम हुसैन उर्फ डॉलर को गिरफ्तार कर लिया है।डॉलर का पुलिस कस्टडी में इलाज कराया जा रहा है।
मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए नगर डीएसपी राघव दयाल के नेतृत्व में डीआईयू और एसटीएफ की 6 टीमें छापेमारी कर रही हैं।
अपराधियों की तलाश में बिहार समेत उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में छापेमारी की जा रही है।
मुजफ्फरपुर में शुक्रवार की शाम को प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही सहित 4 लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। घटना को वकील कासिम हुसैन उर्फ डॉलर साहब के घर पर अंजाम दिया गया था। इस घटना में आशुतोष शाही की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके दो निजी सुरक्षाकर्मी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
वकील कासिम हुसैन उर्फ डॉलर अभी भी अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं। दर्ज प्राथमिकी में जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है, उसमे हाल ही में शाही द्वारा खरीदी गई एक जमीन को लेने के इच्छुक लोग हैं, जबकि शाही द्वारा इस जमीन के खरीदे जाने पर रंगदारी मांगा जाना है।
ऐसे में सवाल उठता है कि इस घटना का सूत्रधार कौन है। वैसे, पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
इधर, भाजपा के नेता और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने सवाल उठाया है कि आखिर एक ही वर्ग के व्यवसायियों को निशाना क्यों बनाया जा रहा है और सरकार खामोश है।
–आईएएनएस
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