नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता के सख्त क्रियान्वयन के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किए हैं। बिहार चुनाव में चुनाव आयोग बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और सेवारत मतदाताओं को डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा के आम चुनाव और 6 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के कार्यक्रम की घोषणा की। आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 60 (सी) के अनुसार अधिसूचित किया है कि 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और दिव्यांग मतदाता डाक मतपत्र के माध्यम से अपना मतदान कर सकते हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, ऐसे मतदाता फॉर्म 12डी का उपयोग करके इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं और चुनाव की अधिसूचना जारी होने के 5 दिनों के भीतर अपने बीएलओ के माध्यम से रिटर्निंग अधिकारी को जमा कर सकते हैं। मतदान दल उनके घरों से उनके वोट एकत्र करेंगे। मतदान की तिथि पर आवश्यक सेवाओं से जुड़े मतदाता अपने संबंधित विभाग के नामित नोडल अधिकारी के माध्यम से डाक मतपत्र सुविधा के लिए आवेदन कर सकते हैं। अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य, बिजली, यातायात, एम्बुलेंस सेवा, विमानन, लंबी दूरी की सरकारी सड़क परिवहन निगम आदि जैसी आवश्यक सेवाएं इस सुविधा के अंतर्गत आती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मतदान दिवस कवरेज के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत मीडियाकर्मियों को भी आवश्यक सेवाओं से जुड़े अनुपस्थित मतदाताओं की श्रेणी में शामिल किया गया है और वे डाक मतपत्र सुविधा के हकदार हैं। सेवारत मतदाताओं को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के तुरंत बाद रिटर्निंग अधिकारी द्वारा इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से उनके डाक मतपत्र भेजे जाएंगे। सेवारत मतदाताओं को डाक सेवाओं का खर्च वहन करने की आवश्यकता नहीं है।
रिटर्निंग ऑफिसर और जिला निर्वाचन अधिकारी को भी निर्देश दिया गया है कि वे राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को उपरोक्त प्रावधानों के बारे में जानकारी दें।
–आईएएनएस
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