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Home ताज़ा समाचार

बिहार : छठ पर प्रशासन की अनदेखी के बाद स्थानीय लोगों ने स्वयं बनाया घाट

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November 7, 2024
in ताज़ा समाचार
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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

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गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

–आईएएनएस

एससीएच/केआर

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

–आईएएनएस

एससीएच/केआर

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

–आईएएनएस

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

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इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

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गया, 7 नवंबर (आईएएनएस)। लोक आस्था के प्रतीक और महापर्व छठ को लेकर बिहार के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। चार दिवसीय छठ का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शासन प्रशासन चाक चौबंद व्यवस्था के दावे भी कर रहा है लेकिन इसी बीच गया में उन वादों और दावों की पोल खुलती दिखी। यहां प्रशासन की अनदेखी से नाराज स्थानीय लोगों ने श्रमदान कर घाट बना दिया।

गया में नगर निगम की उदासीनता के चलते वहां, के श्रद्धालुओं ने श्रमदान कर डेढ़ किलोमीटर लंबा घाट बना दिया। अब व्रती महिलाएं शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगी।

दरअसल, पूरा मामला गया के लक्खीबाग मोहल्ले स्थित फल्गु नदी के पश्चिमी तट का है। यहां लोगों का कहना है कि छठ पूजा को लेकर नगर निगम द्वारा घाट की सफाई नहीं की गई, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों ने आपसी सहयोग से ही स्वयं घाट बनाया।

इस संबंध में स्थानीय निवासी राजीव कुमार कन्हैया ने आईएएनएस को बताया कि नगर निगम द्वारा सिर्फ बोर्ड लगाकर छोड़ दिया गया है। घाट पर कहीं भी साफ-सफाई नहीं की गई, जबकि यहां पर कई हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल की यही स्थिति है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर पैसों के बंदरबांट करने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एक अन्य निवासी महेंद्र प्रसाद शर्मा ने नगर निगम द्वारा घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के नाम पर घाट पर कुछ भी नहीं किया गया। पिछले 10 वर्षों से यही स्थिति है। नगर निगम द्वारा यहां की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पटना का महेंद्रु घाट चकाचक रहता है, उसी तर्ज पर हम लोगों ने स्थानीय लोगों के सहयोग से यहां पर घाट को तैयार किया है।

बता दें कि देश आज लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मना रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन अस्त होते और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है, जिसमें व्रती महिलाएं घाट पर सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगी।

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