पटना, 31 अक्तूबर (आईएएनएस)। बिहार में कल तक जो महिलाएं संकोचवश अपनी शिकायत लेकर थाने नहीं पहुंचती थी, वे भी थानों में महिला हेल्प डेस्क खुलने के बाद बेधड़क अपनी शिकायत को लेकर पहुंच रही हैं। प्रदेश में पुलिस थानों में कार्यरत 850 महिला हेल्प डेस्क में पिछले छह महीने में 47 हजार से अधिक शिकायतें पहुंची है।
आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
–आईएएनएस
एमएनपी/सीबीटी
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पटना, 31 अक्तूबर (आईएएनएस)। बिहार में कल तक जो महिलाएं संकोचवश अपनी शिकायत लेकर थाने नहीं पहुंचती थी, वे भी थानों में महिला हेल्प डेस्क खुलने के बाद बेधड़क अपनी शिकायत को लेकर पहुंच रही हैं। प्रदेश में पुलिस थानों में कार्यरत 850 महिला हेल्प डेस्क में पिछले छह महीने में 47 हजार से अधिक शिकायतें पहुंची है।
आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
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बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
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बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
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बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।
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पटना, 31 अक्तूबर (आईएएनएस)। बिहार में कल तक जो महिलाएं संकोचवश अपनी शिकायत लेकर थाने नहीं पहुंचती थी, वे भी थानों में महिला हेल्प डेस्क खुलने के बाद बेधड़क अपनी शिकायत को लेकर पहुंच रही हैं। प्रदेश में पुलिस थानों में कार्यरत 850 महिला हेल्प डेस्क में पिछले छह महीने में 47 हजार से अधिक शिकायतें पहुंची है।
आमतौर पर देखा जाता था कि महिलाएं अपनी शिकायतों को लेकर थाना नहीं पहुंच पाती थी। जो महिलाएं शिकायत दर्ज कराना भी चाहती थीं, वे थाना जाने से बचती थीं। ऐसे में सरकार ने पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू करने की योजना बनाई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी साल 26 फरवरी को 850 थानों में महिला हेल्प डेस्क की शुरुआत की थी, जिसके सुखद परिणाम भी सामने आए हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन महीनों में महिला की शिकायतों में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। फरवरी से मई तक महिला हेल्प डेस्क पर 19,666 महिलाएं अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी, लेकिन अगस्त तक इन शिकायतों की संख्या बढ़कर 47,147 तक पहुंच गई। इन शिकायतों में गंभीर तरह के मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई जबकि कुछ मामलों को रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि 554 महिला हेल्प डेस्क ग्रामीण इलाकों में कार्यरत है। महिला हेल्प डेस्क के लिए न केवल अलग से एसओपी तैयार किया गया है बल्कि वहां कार्यरत पुलिसकर्मियों को बजाप्ता प्रशिक्षण दिया गया है। फिलहाल महिला हेल्प डेस्क संचालन के लिए 475 महिला पुलिस पदाधिकारियों और 1982 महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।