पटना, 16 अक्तूबर (आईएएनएस)। बिहार में कुछ ही दिन पूर्व पर्व त्योहारों पर शिक्षकों की छुट्टी कटौती के बाद हुए विरोध के बाद शिक्षा विभाग को आदेश वापस लेना पड़ा था। इस बीच, एक बार फिर नवरात्रि के मौके पर शिक्षकों के आवासीय प्रशिक्षण को लेकर विरोध शुरू हो गया।
विपक्षी दल भाजपा जहां इस आदेश को भुनाने की कोशिश में जुट गई है, वहीं सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने भी इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।
इधर, शिक्षक संघ ने भी इसे लेकर आंदोलन की धमकी दी है।
नवरात्र के अवकाश के दौरान शिक्षकों को 16 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक आवासीय प्रशिक्षण का आदेश दिया गया है। इसमें कई महिला शिक्षकों को बुलाया गया है। इस स्थिति में कई स्थानों पर प्रशिक्षण के लिए शिक्षक तो जुटे हैं लेकिन कई शिक्षक उपवास में हैं।
शिक्षक संगठनों ने कहा कि इस प्रशिक्षण को रद्द कर आगे के लिए प्रस्तावित करना चाहिए।
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि यह सरकार की तुगलकी नीति है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि इस आदेश के दूरगामी प्रभाव दिखेंगे।
इधर, भाजपा का कहना है कि यह तुष्टिकरण है। भाजपा का कहना है कि मुस्लिम के पर्व में कर्मचारियों के लिए टाइम टेबल बदला जाता है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार इस बहाने हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है। नवरात्र में अधिसंख्य हिंदू उपवास या फलाहार करते हैं, ऐसे में प्रशिक्षण का कार्यक्रम बनाना समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस आदेश को लेकर जनता के बीच जाएगी। इस बीच, कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी इस आदेश को वापस लेने की बात कही है।
–आईएएनएस
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