पटना, 20 मार्च (आईएएनएस)। वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने गुरुवार को कहा कि बिहार ने पिछले लगभग दो दशकों में उच्च आर्थिक विकास दर को बनाए रखा है तथा विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विकास संकेतकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न संकेतकों में राष्ट्रीय औसत को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
पटना में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि वित्त आयोग राज्यों के बीच केंद्र सरकार से मिलने वाले राजस्व को वितरित करने के तरीके का निर्धारण करते समय दो मुख्य मानदंड, जनसंख्या और क्षेत्र का उपयोग करता है। हालांकि, उच्च जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों को अक्सर क्षेत्र को एक मानदंड के रूप में शामिल करने के कारण काफी राजस्व हानि का सामना करना पड़ता है। इसके विपरीत, घनी आबादी वाले और कम विकसित क्षेत्रों को अपने विकास के लिए अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे राज्यों की अलग-अलग मांगें रहती हैं।
इससे पहले 16वें वित्त आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए। इस बैठक में वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित सभी सदस्य उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि वह बिहार राज्य में तीन दिवसीय भ्रमण पर हैं। यह गौरव की बात है कि आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर के कुलाधिपति भी हैं। इसी कारण वह बिहार की सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि से परिचित हैं।
मुख्यमंत्री ने बिहार में किए जा रहे विकास कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर, 2005 से जब हमलोग सरकार में आए तब से राज्य में कानून का राज है। वर्ष 2005 में राज्य का बजट मात्र 30 हजार करोड़ रुपए था। उसके बाद हर वर्ष सरकार ने काफी काम किया है, जिससे बजट का आकार लगातार बढ़ा है। इस वर्ष राज्य का बजट बढ़कर 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से ही हमारी सरकार बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। बिहार के विकास में वर्तमान केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा अपनी जरूरतों के संबंध में एक मेमोरेंडम भी तैयार किया गया है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आयोग इन सभी बिंदुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगा।
इस अवसर पर सरकार की ओर से एक मेमोरेंडम भी आयोग को दिया गया।
–आईएएनएस
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