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Home Today's Special News

बिहार महागठबंधन के लिए सुधाकर सिंह बन रहे गांठ

by
January 4, 2023
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बिहार महागठबंधन के लिए सुधाकर सिंह बन रहे गांठ
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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

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सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एसजीके

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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एसजीके

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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एसजीके

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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

–आईएएनएस

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पटना, 4 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राजद के विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार तीखी बयानबाजी के बाद जिस तरह जदयू के नेताओं ने आंखें तरेरी हैं, उससे साफ हो गया है कि सुधाकर अब महागठबंधन के लिए गांठ बनते जा रहे हैं।

सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

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नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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सुधाकर मुख्यमंत्री नीतीश को पहले शिखंडी और उसके बाद भीखमंगा तक कह चुके हैं। इसके बाद जदयू नेताओं ने सुधाकर पर कारवाई के लिए राजद पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया के जरिए तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए राजद शासन के जंगलराज की याद भी दिला दी।

सुधाकर सिंह के मंगलवार को आए बयान को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मुंह खोला। उन्होंने इस मामले को लेकर गेंद राजद के पाले में डाल दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ऐसे लोगों के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा, सब लोग एक ही गठबंधन में काम कर रहे हैं, ऐसे में किसी दल का अगर कोई नेता बोलता है तो इस पर उस दल को ही सोचना होगा। इस बारे में वही दल फैसला करेगा।

नीतीश के बयान के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी सामने आकर लोगों को सुधाकर सिंह पर कारवाई का भरोसा देना पड़ा।

वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि सुधाकर सिंह पर राजद के लिए कारवाई करना आसान नहीं है। सुधाकर राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। कहा जाता है कि जब बेटे को मंत्रिमंडल से हटाया गया था, तब नाराज पिता ने कार्यालय तक आना छोड़ दिया था। उन्हें मनाने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सामने आना पड़ा था और उसके बाद सिंह कार्यालय आने लगे। हालांकि राजद ने सफाई दी थी कि जगदानंद स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण कार्यालय नहीं आ रहे थे।

वैसे, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर राजद और जदयू के किसी नेता ने दरार वाली बात नहीं की है।

राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी कहते हैं, महागठबंधन में कोई दरार नहीं है। दरार तो भाजपा पैदा करना चाहती है। सबकी अपनी-अपनी राय है। हमारे बीच के किसी भी नेता ने महागठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़ा नहीं किया है। सभी सात पार्टियों के नेता महागठबंधन को मजबूत बनाए हुए हैं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में सब ठीक चल रहा है।

बहरहाल, सुधाकर सिंह के बयान को लेकर भले ही महागठबंधन में दरार की बात दोनों दलों के नेता नहीं मान रहे हों, लेकिन कई नेता यह जरूर कह रहे हैं कि गठबंधन के लिए यह सही नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि सिंह की तल्ख टिप्पणियां गांठ जरूर बना रही हैं।

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