पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
–आईएएनएस
एमएनपी
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
आने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू के राजद सहित इंडिया के अन्य दलों के साथ चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। जबकि, पिछले चुनाव में जदयू के प्रत्याशी राजद और कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दल भले ही अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर किसी प्रकार के विवाद नहीं होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार में सीट बंटवारा इतना आसान नहीं दिखता।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
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फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।
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दरअसल, पिछली बार की तरह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो दिन पहले ही दावा किया है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है, इस महीने सब कुछ तय कर लिया जाएगा।
महागठबंधन की 14 लोकसभा सीटें इस श्रेणी की हैं, जहां जदयू के प्रत्याशी ने आठ सीटों पर राजद के प्रत्याशी व छह सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी को सीधे मुकाबले में हराया था।
ऐसी स्थिति में इन सीटों पर जदयू के ही सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जाए, यह मुश्किल दिखता है। इस स्थिति में जदयू के कई सांसदों का या तो टिकट कट सकता है, जिससे पार्टी में नाराजगी भी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल इंडिया गठबंधन की ड्राइविंग सीट पर बैठे कांग्रेस कम सीट पर राजी हो इस पर भी संशय बना हुआ है। राजद का फिलहाल एक भी सांसद नहीं है, लेकिन वह किसी हाल में जदयू से कम सीट पर राजी हो यह भी मुमकिन नहीं दिखता।