नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने सारण के अलावा बिहार के अन्य जिलों में जहरीली शराब त्रासदी में जारी मौतों के मद्देनजर मौके पर जांच के लिए आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी टीम भेजने का फैसला किया है। ये टीम घटनास्थल का दौरा कर आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करेगा। इसके पहले आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भेजकर घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बताया कि बिहार में जहरीली शराब त्रासदी में अन्य जिलों में हुई मौतों के बारे में मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर, मौके पर जांच के लिए आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी अन्वेषण टीम को भेजने का फैसला किया है। आयोग यह जानने के लिए चिंतित है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है।
आयोग ने कहा कि उनमें से ज्यादातर गरीब परिवारों से हैं और शायद निजी अस्पतालों में महंगा इलाज नहीं करा सकते, इसलिए राज्य सरकार के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि जहां कहीं भी उपलब्ध हो, उन्हें सर्वोत्तम हर संभव चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए।
आयोग राज्य सरकार द्वारा दी गई राहत और पुनर्वास के बारे में और साथ ही, बिहार राज्य में रुक-रुक कर हो रहे इस सामाजिक खतरे को पूरी तरह से खत्म करने की ²ष्टि से पूरे राज्य में गुप्त अवैध शराब बनाने वाले हॉट स्पॉट को बंद करने के लिए किए गए या किए जाने वाले उपायों के बारे में जानना चाहता है। आयोग ने कहा कि उन्होंने नोट किया है कि अप्रैल, 2016 में बिहार सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था और इसलिए ऐसी घटनाओं से संकेत मिलता है कि वह अवैध और नकली शराब की बिक्री को रोकने में सक्षम नहीं है।
आयोग के अनुसार 17 दिसंबर, 2022 को की गई मीडिया रिपोटरें के अनुसार, सीवान जिले में पांच व्यक्तियों और बेगूसराय जिले में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी, जबकि 14 दिसंबर, 2022 को हुई जहरीली शराब त्रासदी में अब तक 65 लोगों की मौत के साथ सारण जिले में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
–आईएएनएस
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