पटना, 21 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी सरकारी विभागों में आरक्षण (संशोधन) अधिनियम-2023 के प्रावधानों को लागू करने के लिए मंगलवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सभी दलों की सहमति से जाति आधारित गणना कराई गई। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर सभी वर्गों की स्थिति को ध्यान में रखकर आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत तक किया गया। दोनों सदनों से यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया और इसका गजट प्रकाशित हो चुका है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विभाग इसको ध्यान में रखते हुए आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करें, जिससे लोगों को इसका तेजी से लाभ मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की भी गणना करायी गयी है, जिसके आधार पर तय किया गया है कि प्रत्येक गरीब परिवार को दो लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए जमीन क्रय के लिए एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में सरकार में आने के बाद से राज्य सरकार सभी वर्गों के लिए न्याय के साथ विकास का कार्य कर रही है। सभी जाति एवं सभी वर्गों के हित के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को हर स्थिति में कायम रखें जो भी गड़बड़ करते हैं, चाहे वे कोई भी हो, उन पर सख्त कार्रवाई करें।
–आईएएनएस
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