पटना, 7 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाल में लगातार हो रही बारिश से बिहार की कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। बागमती जहां मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं कमला बलान खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। इधर, सरकार बाढ़ के संभावित खतरे को लेकर तैयार है।
नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शुक्रवार सुबह छह बजे कोसी नदी का वीरपुर बराज से 87,765 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था जो सुबह आठ बजे 74,825 क्यूसेक रह गया। गंडक नदी का वाल्मीकि नगर बराज पर प्रवाह सुबह छह बजे 63,200 क्यूसेक था जो सुबह आठ बजे 61,400 क्यूसेक हो गया।
बागमती नदी उफान पर है। बागमती नदी मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा मंडराने लगा है। कमला बलान झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान के करीब बह रही है। अनुमान है कि नेपाल और उत्तर बिहार के जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की स्थिति में नदियों के जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है। गंगा, कोसी, गंडक के भी जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
इधर, सरकार बाढ़ संभावित इलाकों को लेकर तैयार है। राज्य में 29 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमे 15 को संवेदनशील माना जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि पांच हजार राहत शिविर स्थल को चिह्नित कर लिया गया है तथा छह हजार सामुदायिक रसोई बनाने की तैयारी पूरी है। बताया गया कि 21 जिलों में एसडीआरएफ की टीम जबकि पांच जिलों में एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है। बाढ़ संभावित इलाकों में 4,700 निजी नाव और 1,500 सरकारी नाव की व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को मिलने वाली राशि छह हजार रुपये से बढ़ाकर सात हजार रुपये कर दी है।
–आईएएनएस
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