पटना, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में एनडीए बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय कर चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है। भाजपा ने चुनाव से पहले ही इस लक्ष्य को तय कर धरातल पर कार्य शुरू कर दिया था। अब अन्य सहयोगियों के जरिए इसी लक्ष्य को साधने के लिए भाजपा सहित एनडीए के नेता चुनावी मैदान में कूद गए हैं।
भाजपा के नेता इसके पीछे मजबूत तर्क भी देते हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि बिहार ने पिछले चुनाव में एनडीए को 40 में से 39 सीटें दी थी, इस बार प्रदेश के मतदाता पिछले चुनाव की एक सीट की जो कसर रह गई थी, वह भी पूरा कर देंगे।
बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल दावे के साथ कहते हैं कि 40 सीट जीतने का मात्र नारा नहीं, हम एनडीए कार्यकर्ताओं का संकल्प है। आज विरोधी तुष्टिकरण के जरिए एक खास संप्रदाय के लोगों को आकर्षित करने के प्रयास में हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के कार्यों को मजहब से न केवल ऊपर रखा, बल्कि इसे लेकर विचार-विमर्श तक शुरू करने का रिवाज लोगों को उपलब्ध कराया। भाजपा चार बातों को लेकर मतदाताओं के बीच जा रही है। पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार के कार्यों को भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर तक पहुंचा रहे हैं।
दानिश इकबाल के मुताबिक, हमारे पास नेतृत्व है, देश के विकास करने की नियत है और राष्ट्रवाद की नीति है। जबकि, विरोधियों के पास कुछ नहीं है। भाजपा की अपनी अलग विचारधारा है, जो देश को सशक्त और मजबूत बनाने की है। भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हमारे कार्यकर्ता बूथ तक मजबूती से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के लाभार्थियों की देश में बड़ी संख्या है, जो भाजपा को छोड़कर दूसरी ओर नहीं जा सकते हैं। राम मंदिर निर्माण, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाया, इसके अलावा कई कार्य हैं, जिनका समाधान जनता चाहती थी। ऐसी स्थिति में तय है कि प्रदेश में एनडीए न केवल 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी, बल्कि देश में भी 400 सीटें पार करेगी।
भाजपा इस चुनाव में जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ चुनावी मैदान में है।
–आईएएनएस
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