पटना, 27 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में अब सरकारी स्कूलों के कमजोर बच्चों को दक्ष बनाने के लिए सरकार मिशन दक्ष की शुरुआत करने वाली है। इसके तहत स्कूल के कमजोर बच्चों की विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिससे ये बच्चे अन्य बच्चों से पढ़ाई में समतुल्य हो सके।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना, 27 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में अब सरकारी स्कूलों के कमजोर बच्चों को दक्ष बनाने के लिए सरकार मिशन दक्ष की शुरुआत करने वाली है। इसके तहत स्कूल के कमजोर बच्चों की विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिससे ये बच्चे अन्य बच्चों से पढ़ाई में समतुल्य हो सके।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
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शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
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पटना, 27 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में अब सरकारी स्कूलों के कमजोर बच्चों को दक्ष बनाने के लिए सरकार मिशन दक्ष की शुरुआत करने वाली है। इसके तहत स्कूल के कमजोर बच्चों की विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिससे ये बच्चे अन्य बच्चों से पढ़ाई में समतुल्य हो सके।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षा लगायी जाएगी। यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी। यह कक्षाएं विद्यालय में गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जाएंगी।
बताया जाता है, शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे।
बताया गया है कि अगले साल अप्रैल में इन बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जाएगी, अगर बच्चे पास नहीं हो पाते हैं तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों की होगी। विभाग द्वारा कमजोर बच्चों की श्रेणी में उन बच्चों को रखा गया है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं।
–आईएएनएस
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