पटना, 2 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के एक वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को गाली गलौच तो कर ही रहे हैं, बिहार के लोगों की समझ पर भी सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा ने अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के.के. पाठक अधिकारियों के साथ बैठक करते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो कब का है, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है और न ही आईएएनएस इस वायरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि करता है।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि पाठक गुस्से में हैं और बैठक में मौजूद अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं।
पाठक मद्यनिषेध विभाग और निबंधन विभाग के प्रधान सचिव हैं, वो बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बीआईपीएआरडी) के डीजी भी हैं।
वायरल वीडियो में पाठक को कहते सुना जा रहा है कि क्या आपने कभी चेन्नई में सड़क पर सिग्नल लाल होने पर किसी को हॉर्न बजाते देखा है लेकिन पटना के बेली रोड पर लाल बत्ती पर लोग हॉर्न बजाते रहते हैं, मैं डिप्टी कलेक्टरों को देखता हूं।
इधर, भाजपा इस वीडियो के वायरल होने पर सीधे सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार का पुलिस-प्रशासन पर कोई कंट्रोल नहीं है। प्रशासनिक लालफीताशाही, अराजकता से बेलगाम ब्यूरोक्रेसी आम जनता के साथ मनमानापन व्यवहार कर रही है।
आईएएस पाठक की बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) के अधिकारियों के साथ बदतमीजी इसी का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि पाठक बहुत पढ़े-लिखे विद्वान हो सकते हैं लेकिन लंबे समय तक ब्यूरोक्रेसी में रहने के दौरान ये मानसिक अवसाद और कुंठा से ग्रसित हो चुके हैं। इसका इलाज कराना चाहिए। ये अधिकारियों को मां-बहन की गाली सड़क छाप गुंडे, मवाली की तरह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी माफी मांगें या सरकार इन्हें बर्खास्त करे।
–आईएएनएस
एमएनपी/एसकेपी