गोपालगंज, 31 अगस्त (आईएएनएस)। बदलते परिवेश में आज भी बिहार के गोपालगंज में रक्षाबंधन के दिन महावीरी अखाड़ा मेला का आयोजन किया जाता है। इससे पहले महावीरी अखाड़ा मेला को लेकर शहर में बुधवार को हाथी- घोड़े तथा बैंड बाजे के साथ जुलूस निकाला गया।
पिछले कई सालों से रक्षाबंधन के दिन शहर में महावीरी अखाड़ा मेला का आयोजन करने की परंपरा चली आ रही है। इस बार महावीरी अखाड़ा जुलूस तथा अखाड़ा मेला को लेकर शहरी क्षेत्र में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की गई।
गुरुवार को तड़के जहां विभिन्न अखाड़ों से जुलूस निकाला गया और युवाओं और बुजुर्गों ने पारंपरिक तरीके से अपने करतब दिखाए। इस जुलूस में भगवान हनुमान की प्रतिमा के साथ उत्साही युवक व श्रद्धालु परंपरागत हथियारों के साथ शौर्य का प्रदर्शन करते हैं। इस साल जुलूस में 30 से 35 अखाड़ा समिति भाग लिया।
अंत में आकर्षक झांकी और करतब दिखाने वाले अखाड़े को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। हालांकि, समय गुजरने के बाद मेला का स्वरूप भी बदलता जा रहा है। कई मौके पर मेला विवादों में भी घिरता रहा है।
अखाड़ा समिति के एक अधिकारी कहते हैं कि यह काफी प्राचीन परंपरा है, जिसका निर्वहन हम लोग कर रहे हैं। उन्होंने भी माना कि समय के बदलने से बदलाव आया है।
उन्होंने बताया कि बिहार के कई इलाकों में इसकी परंपरा है। यह सावन की पूर्णिमा से शुरू होता है और कार्तिक स्नान तक चलता रहता है। अलग- अलग तिथि को अलग अलग इलाकों में जुलूस निकलता है।
इस दौरान श्रीराम भक्त जुलूस निकालते हैं और हनुमान जी की विशाल प्रतिमा रखते हैं। बताया जाता है कि लाठी डंडा से करतब दिखाने की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है। अखाड़ा खासकर यूपी-बिहार के पूर्वांचल इलाके में निकाला जाता है।
–आईएएनएस
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