पटना, 14 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को बिहार सरकार को ही हिंदू विरोधी बता दिया। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री की दुराग्रही टिप्पणी और उस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौन सहमति से साफ है कि राज्य सरकार घोर हिंदू-विरोधी है।
राज्यसभा सांसद मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार जिस तरह से सिर्फ संप्रदाय-विशेष की भावनाओं और सुविधाओं का ख्याल रखते हुए काम कर रही है, वह संविधान के विरुद्ध है। नीतीश सरकार को बहुसंखयक हिंदू समाज की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक लोकप्रिय हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जो अनर्गल टिप्पणी की गई, वह संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने दीक्षांत समारोह जैसे सरकारी कार्यक्रम में की गई है। इसे राज्य सरकार की राय माना जाएगा, किसी का व्यक्तिगत विचार नहीं।
मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें तीन सवालों का जवाब देना है। पहला कि वे अपने शिक्षा-मंत्री के बयान के पक्ष में खड़े हैं या इसके विरुद्ध हैं? क्या मुख्यमंत्री स्वयं हिंदू-विरोधी और मानस विरोधी हैं? और तीसरा प्रश्न कि क्या वे शिक्षा मंत्री को हटाएंगे या उन्हें सिर्फ माफी मांगने के लिए कहेंगे?
उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण में जदयू के नेता अपनी साझा सरकार के शिक्षा मंत्री के विरुद्ध नपे-तुले बयान देकर या मंदिर में मानस-पाठ कर केवल राजनीतिक दिखावा कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि मां सीता की जन्मभूमि पर राज करने वाले लव-कुश समाज के मुख्यमंत्री अब राम-भक्तों के साथ हैं या श्रीराम और रामायण के निंदकों के साथ, इस यक्ष-प्रश्न का उत्तर नीतीश कुमार को ही देना है।
–आईएएनएस
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