हैदराबाद, 18 जून (आईएएनएस)। आयकर विभाग की टीम ने जिन दो बीआरएस विधायकों के घरों और कार्यालयों पर तीन दिनों तक छापेमारी की, उनमें से एक एमएलए पी. शेखर रेड्डी ने आरोप लगाया कि छापेमारी का उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के भोंगिर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने आरोप लगाया कि उनकी छवि को खराब करने के लिए तीन दिनों तक छापेमारी की गई। विधायक ने कहा कि उन्होंने अपने घर और कार्यालयों में तीन दिनों तक की गई छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को पूरा सहयोग दिया।
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आयकर अधिकारियों ने उनके रिश्तेदारों के परिसरों की भी तलाशी ली थी। इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि उनके रिश्तेदारों के घरों से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
शेखर रेड्डी ने यदाद्री भोंगिर जिले के भोंगिर स्थित अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हए इस बात से भी इनकार किया कि उनका दक्षिण अफ्रीका में खनन का कारोबार है।
आईटी विभाग की छापेमारी के बाद वह पहली बार विधानसभा क्षेत्र पहुंचे, जहां बीआरएस कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। आयकर अधिकारियों ने हैदराबाद में शेखर रेड्डी, एक अन्य विधायक एम. जनार्दन रेड्डी के आवासों और अन्य स्थानों पर 16 जून (तीन दिनों) तक तलाशी जारी रखी थी।
कथित तौर पर विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के व्यवसायों से जुड़े लगभग 60 स्थानों पर तलाशी ली गई। जनार्दन रेड्डी नागरकुर्नूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विधायक जनार्दन रेड्डी जेसी ब्रदर्स होल्डिंग्स लिमिटेड और कुछ इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के मालिक हैं। आईटी विभाग की टीम ने जेसी ब्रदर्स के कार्यालय में भी तलाशी ली।
आईटी अधिकारी कथित तौर पर जेसी ब्रदर्स के खुदरा शोरूम और इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स में संदिग्ध टैक्स चोरी की जांच कर रहे थे।
इसी तरह, शेखर रेड्डी से कथित रूप से जुड़े वैष्णवी समूह के परिसरों पर भी तलाशी जारी रही। वह पहले तीर्थ प्रोजेक्ट्स और श्री लोरवेन सिंडिकेट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े थे।
जनार्दन रेड्डी ने सवाल किया कि क्या संविधान में लिखा है कि विधायक कोई कारोबार नहीं कर सकते। जनार्दन रेड्डी ने कहा, हम अपने व्यवसायों पर तुरंत आयकर का भुगतान कर रहे हैं। अब तक हमने आयकर के रूप में 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
–आईएएनएस
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