नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। वाहनों की कीमत बढ़ाने को लेकर कई दूसरे ऑटोमेकर्स लिस्ट में अब बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया भी शामिल हो गया है। कंपनी ने गुरुवार को अपनी बीएमडब्ल्यू और मिनी कार रेंज में 3 प्रतिशत तक कीमत बढ़ोतरी की घोषणा की है।
ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार, रिवाइज्ड कीमतें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया है कि किन मॉडलों की कीमत में सबसे ज्यादा वृद्धि होगी।
बीएमडब्ल्यू इंडिया द्वारा यह प्राइस एडजस्टमेंट बढ़ती इनपुट लागतों के कारण किया जा रहा है, जो उच्च सामग्री व्यय के कारण है।
यह एडजस्टमेंट बीएमडब्ल्यू की लाइनअप में लग्जरी सेडान और एसयूवी दोनों को प्रभावित करेगा, जिसमें कंपनी के स्थानीय रूप से निर्मित मॉडल शामिल हैं।
ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) सहित ऑटोमेकर्स आम तौर पर साल में दो बार कार की कीमतों को रिवाइज करते हैं।
यह कदम ऑटोमेकर्स के बीच एक ट्रेंड को फॉलो करता है, क्योंकि कई ब्रांड्स ने भी इसी तरह के कारणों का हवाला देते हुए कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
सामग्री लागत में वृद्धि ने निर्माताओं पर दबाव डाला है, जिससे वाहन की कीमतों को रिवाइज किया जा रहा है।
बीएमडब्ल्यू इंडिया, बीएमडब्ल्यू इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज के जरिए ग्राहकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
कंपनी के स्मार्ट फाइनेंस विकल्पों में आकर्षक मासिक किश्त, चुनिंदा मॉडलों के लिए कम ब्याज दरें, सुनिश्चित बाय-बैक विकल्प और फ्लेक्सिबल एंड-ऑफ-टर्म बेनेफिट शामिल हैं।
बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया, बीएमडब्ल्यू ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जिसका मुख्यालय गुरुग्राम, एनसीआर में है।
कंपनी ने अपने भारतीय परिचालन में 520 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है, जिसमें चेन्नई में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, पुणे में एक पार्ट्स वेयरहाउस, गुरुग्राम में एक ट्रेनिंग सेंटर और प्रमुख शहरों में एक डीलर नेटवर्क शामिल है।
इससे पहले रेनॉल्ट इंडिया ने भी घोषणा की कि वह अप्रैल से अपनी सभी कार मॉडलों की कीमतों में 2 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगा।
कीमतों में वृद्धि मॉडल और वेरिएंट पर निर्भर करेगी। कंपनी ने कहा कि यह निर्णय बढ़ती उत्पादन लागतों के कारण लिया गया है, जिसे वह लंबे समय से झेल रही है।
रेनॉल्ट इंडिया के कंट्री सीईओ और एमडी, वेंकटराम ममिलापल्ले ने कहा, “हमने लंबे समय से कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश की है, लेकिन इनपुट लागतों में लगातार वृद्धि ने इस प्राइस एडजस्टमेंट को जरूरी बना दिया है।”
–आईएएनएस
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