बलिया, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। खबर है कि पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के कद्दावर नेता आनन्द स्वरूप शुक्ला ने बलिया के बैरिया सीट पर अब भविष्य में कभी चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। रामनवमी के उल्लास के बीच उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपने इस फैसले का ऐलान किया, लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने अपने इस ऐलान के पीछे की वजह अभी तक नहीं बताई है।
बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
अब आनन्द स्वरूप शुक्ल बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद की बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन, बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देकर समाजवादी पार्टी से आए पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र नीरज शेखर को टिकट दे दिया, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी। अब इस पोस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
–आईएएनएस
एसएचके/एसकेपी
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बलिया, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। खबर है कि पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के कद्दावर नेता आनन्द स्वरूप शुक्ला ने बलिया के बैरिया सीट पर अब भविष्य में कभी चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। रामनवमी के उल्लास के बीच उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपने इस फैसले का ऐलान किया, लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने अपने इस ऐलान के पीछे की वजह अभी तक नहीं बताई है।
बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
अब आनन्द स्वरूप शुक्ल बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद की बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन, बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देकर समाजवादी पार्टी से आए पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र नीरज शेखर को टिकट दे दिया, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी। अब इस पोस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
अब आनन्द स्वरूप शुक्ल बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद की बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन, बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देकर समाजवादी पार्टी से आए पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र नीरज शेखर को टिकट दे दिया, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी। अब इस पोस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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बलिया, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। खबर है कि पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के कद्दावर नेता आनन्द स्वरूप शुक्ला ने बलिया के बैरिया सीट पर अब भविष्य में कभी चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। रामनवमी के उल्लास के बीच उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपने इस फैसले का ऐलान किया, लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने अपने इस ऐलान के पीछे की वजह अभी तक नहीं बताई है।
बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
अब आनन्द स्वरूप शुक्ल बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद की बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन, बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देकर समाजवादी पार्टी से आए पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र नीरज शेखर को टिकट दे दिया, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी। अब इस पोस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
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बलिया, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है। खबर है कि पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के कद्दावर नेता आनन्द स्वरूप शुक्ला ने बलिया के बैरिया सीट पर अब भविष्य में कभी चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। रामनवमी के उल्लास के बीच उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर अपने इस फैसले का ऐलान किया, लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने अपने इस ऐलान के पीछे की वजह अभी तक नहीं बताई है।
बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
अब आनन्द स्वरूप शुक्ल बलिया लोकसभा क्षेत्र से सांसद की बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन, बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देकर समाजवादी पार्टी से आए पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र नीरज शेखर को टिकट दे दिया, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट कर चुनाव नहीं लड़ने की जानकारी दी। अब इस पोस्ट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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बता दें, वह 2017 में बीजेपी के टिकट पर बलिया सदर से विधायक रहे। बीजेपी ने उनका स्थानांतरण करते हुए उन्हें 2022 में बैरिया से बीजेपी के तत्कालीन विधायक रहे सुरेन्द्र सिंह का टिकट काटकर उन्हें चुनाव लड़ाया। नतीजा यह रहा कि बीजेपी से टिकट कटने के बाद सुरेन्द्र सिंह ने भी बागी बनकर चुनाव लड़ा। बीजेपी के दो नेताओं के चुनाव लड़ने से परिणाम यह हुआ की बैरिया विधानसभा की सीट समाजवादी पार्टी के खाते में चला गया।
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