पटना, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा के अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन के विरोध में शुक्रवार को आयोग के कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। पुलिस ने अभ्यर्थियों पर जमकर लाठीचार्ज किया। अभ्यर्थियों की मांग है कि नॉर्मलाइजेशन किसी भी हाल में लागू नहीं होना चाहिए। वहीं, इस बारे में मंत्री अशोक चौधरी का बयान सामने आया है।
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, ”सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमने नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं किया है। जब हमने इसे लागू नहीं किया, तो इसे वापस लेने का तो सवाल ही नहीं उठता। हमारी इस बारे में किसी से कोई बात नहीं हुई है। यह जानकारी हमें अखबार के माध्यम से मिली है।”
उन्होंने कहा कि कुछ लोग, खासकर राजनेता, इन लोगों को भड़काने का काम कर रहे है। भड़काने के बाद उन पर दंडात्मक कार्रवाई करवा रहे हैं। ये वही नेता हैं जो बाद में आराम से बयान दे रहे हैं। वे बेचारे छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। जो चीज हुई नहीं है उस पर बयान देना पूरी तरह से गलत है।
विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने शहर में बेली रोड को भी जाम कर दिया इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों को तितर-बितर करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए लाठीचार्ज किया।
बीपीएससी परीक्षा के लिए ‘एक शिफ्ट, एक पेपर’ की मांग को लेकर अभ्यर्थी बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को पिछले वर्षों की तरह ही आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही परीक्षा प्रक्रिया को सामान्य बनाने की मांग कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि आयोग वही परीक्षा प्रक्रिया अपनाए जो निष्पक्षता और एकरूपता के लिए अपनाई जाती रही है।
प्रदर्शन के बारे में डीएसपी अनु कुमारी ने कहा कि यह प्रदर्शन अवैध है क्योंकि छात्रों के पास इसकी कोई अनुमति नहीं है। हम पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल के नाम मांग रहे हैं जो उनकी मांगों पर आयोग से बात करेंगे।
इस बीच बीपीएससी सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि आयोग नॉर्मलाइजेशन पद्धति से परिणाम जारी नहीं करेगा। आयोग की छवि खराब करने के लिए अफवाह फैलाई जा रही हैं।
–आईएएनएस
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