बुलंदशहर, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। देश भर में शारदीय नवरात्र धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान जगह-जगह पर रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है। साथ ही दशहरा को धूमधाम से मनाने लिए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं।
दशहरा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। यहां कई पीढ़ियों से रावण का पुतला बनाया जा रहा है। इस पुतले को बनाने के लिए बुलंदशहर से मुस्लिम कारीगर आए हैं। इसे कुल साढ़े छह लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार किए जाएंगे। रावण का पुतला बनाने में 15 कारीगरों की टीम कई दिनों से लगी हुई है।
कारीगर अफाक कहते हैं, “मेरी उम्र 65 साल है। मैं बुलंदशहर के दानपुर से यहां पुतला बनाने आया हूं। हम चार पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। पहले हमारे पिताजी काम करते थे। अब उनसे सीखकर मैं कर रहा हूं। इसे पूरी तरह बनाने के लिए मैंने 6.5 लाख रुपये में ठेका लिया है। अब इसमें जो भी सामान लगेगा, वह मेरी जिम्मेदारी है। मैं खुद ही सारा सामान खरीदकर 6.5 लाख रुपये में इसे बना रहा हूं। हमारे साथ कुल 15 आदमी काम कर रहे हैं। आज शाम तक 15 आदमी और आ जाएंगे। दशहरे पर जो भी आतिशबाजी होनी है, वह कोई अकेला आदमी नहीं कर सकता।”
बता दें कि इस साल विजयादशमी का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस मौके पर देशभर में कई जगहों पर पुतलों का दहन किया जाएगा। साथ ही विजयादशमी पर अलग-अलग जगहों पर रामलीला का आयोजन भी किया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था। हिंदू धर्म में रावण को बुराई का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर रावण का पुतला जलाया जाता है।
–आईएएनएस
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