बुलंदशहर, 25 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर पहुंचे। प्रधानमंत्री ने बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया। ये परियोजनाएं रेल, सड़क, तेल एवं गैस और शहरी विकास एवं आवास जैसे अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।
बुलंदशहर में कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी के बीच डबल लाइन 173 किलोमीटर लंबे विद्युतीकृत खंड के दोनों स्टेशनों से मालगाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्र को समर्पित किया। यह नया डीएफसी खंड महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी के बीच महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी स्थापित करता है।
प्रधानमंत्री ने मथुरा-पलवल खंड और चिपियाना बुजुर्ग-दादरी खंड को जोड़ने वाली चौथी लाइन का भी उद्घाटन किया। ये नई लाइनें राष्ट्रीय राजधानी की दक्षिणी पश्चिमी और पूर्वी भारत तक रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी। प्रधानमंत्री ने सड़क विकास परियोजनाएं का भी शिलान्यास किया। जिनमें अलीगढ़ से भदवास चार लेन वाला कार्य पैकेज-1 (एनएच-34 के अलीगढ-कानपुर खंड का हिस्सा), शामली (एनएच-709ए) के रास्ते मेरठ से करनाल सीमा का चौड़ीकरण (एनएच-709ए) और एनएच-709एडी पैकेज-II के शामली-मुजफ्फरनगर खंड को चार लेन का बनाना शामिल है।
5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संचयी लागत पर विकसित ये सड़क परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद करेंगी। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की टूंडला-गवारिया पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया। करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह 255 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन परियोजना तय समय से काफी पहले पूरी हो गई है। यह परियोजना मथुरा और टूंडला में पंपिंग सुविधाओं और टूंडला, लखनऊ और कानपुर में डिलीवरी सुविधाओं के साथ बरौनी-कानपुर पाइपलाइन के टूंडला से गवारिया टी-पॉइंट तक पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने ‘ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप’ (आईआईटीजीएन) भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसे पीएम-गतिशक्ति के तहत बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप विकसित किया गया है। 1,714 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह परियोजना 747 एकड़ में फैली हुई है और दक्षिण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और पूर्व में दिल्ली-हावड़ा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के साथ पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों के क्रॉसिंग के पास स्थित है।
आईआईटीजीएन का रणनीतिक स्थान अद्वितीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है क्योंकि मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए अन्य बुनियादी ढांचे इस परियोजना के आसपास मौजूद हैं। जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (5 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (10 किमी), दिल्ली एयरपोर्ट (60 किमी), जेवर एयरपोर्ट (40 किमी), अजायबपुर रेलवे स्टेशन (0.5 किमी) और न्यू दादरी डीएफसीसी स्टेशन (10 किमी) शामिल हैं।
यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण सहित पुनर्निर्मित मथुरा सीवरेज योजना का भी उद्घाटन किया। इस कार्य में मसानी में 30 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, ट्रांस यमुना में मौजूदा 30 एमएलडी का और मसानी में 6.8 एमएलडी एसटीपी का पुनरूद्धार और 20 एमएलडी टीटीआरओ प्लांट (तृतीयक उपचार और रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट) का निर्माण शामिल है।
प्रधानमंत्री ने मुरादाबाद (रामगंगा) सीवरेज प्रणाली और एसटीपी कार्यों (चरण-एक) का भी उद्घाटन किया। लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में 58 एमएलडी एसटीपी, लगभग 264 किमी लंबा सीवरेज नेटवर्क और मुरादाबाद में रामगंगा नदी के प्रदूषण निवारण के लिए नौ सीवेज पंपिंग स्टेशन शामिल हैं।
–आईएएनएस
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