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Home ताज़ा समाचार

बृज भूषण ने अदालत से कहा : यौन उत्पीड़न के आरोप राजनीति से प्रेरित, झूठे  

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October 7, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने शनिवार को कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को नकार दिया और दावा किया कि उनमें से एक ने 2016 के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने के कारण उन पर आरोप लगाया। 

यह दावा करते हुए कि आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं, सिंह के वकील ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता, जो यौन उत्पीड़न जांच समिति की हिस्सा है, ने 2012 से लेकर अप्रैल 2023 तक कथित घटना की रिपोर्ट नहीं की।

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सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

ताजिकिस्तान में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठा दी और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ।

दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं, लेकिन मामले के लिए प्रासंगिक हैं।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने शनिवार को कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को नकार दिया और दावा किया कि उनमें से एक ने 2016 के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने के कारण उन पर आरोप लगाया। 

यह दावा करते हुए कि आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं, सिंह के वकील ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता, जो यौन उत्पीड़न जांच समिति की हिस्सा है, ने 2012 से लेकर अप्रैल 2023 तक कथित घटना की रिपोर्ट नहीं की।

सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

ताजिकिस्तान में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठा दी और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ।

दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं, लेकिन मामले के लिए प्रासंगिक हैं।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने शनिवार को कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को नकार दिया और दावा किया कि उनमें से एक ने 2016 के ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने के कारण उन पर आरोप लगाया। 

यह दावा करते हुए कि आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं, सिंह के वकील ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता, जो यौन उत्पीड़न जांच समिति की हिस्सा है, ने 2012 से लेकर अप्रैल 2023 तक कथित घटना की रिपोर्ट नहीं की।

सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

ताजिकिस्तान में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठा दी और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ।

दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं, लेकिन मामले के लिए प्रासंगिक हैं।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

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यह दावा करते हुए कि आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं, सिंह के वकील ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता, जो यौन उत्पीड़न जांच समिति की हिस्सा है, ने 2012 से लेकर अप्रैल 2023 तक कथित घटना की रिपोर्ट नहीं की।

सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

ताजिकिस्तान में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठा दी और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ।

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पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

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सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

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दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं, लेकिन मामले के लिए प्रासंगिक हैं।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

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11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

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यह दावा करते हुए कि आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं, सिंह के वकील ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष कहा कि शिकायतकर्ता, जो यौन उत्पीड़न जांच समिति की हिस्सा है, ने 2012 से लेकर अप्रैल 2023 तक कथित घटना की रिपोर्ट नहीं की।

सिंह के वकील ने तर्क दिया : “उसने आरोप लगाए, क्योंकि वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही। हर शिकायत के पीछे एक कारण होता है। हर आरोप झूठा है… लगभग हर शिकायतकर्ता ने अपना बयान बदल दिया। आरोपी को फंसाने के लिए दिखावटी और बनावटी बयान दिए गए।”

सिंह के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले को 16 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।

पिछली बार, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा, साथ ही कहा कि उसके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ अपने मामले में ताजिकिस्तान की कथित घटनाओं का भी हवाला दिया।

पुलिस के अनुसार, ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर उचित ठहराया कि उसने ऐसा “एक पिता की तरह” किया।

ताजिकिस्तान में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान की एक अन्य शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सिंह ने बिना अनुमति के एक महिला पहलवान की शर्ट उठा दी और उसके पेट को अनुचित तरीके से छुआ।

दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि ये घटनाएं भारत के बाहर हुईं, लेकिन मामले के लिए प्रासंगिक हैं।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया था कि मामला यह नहीं है कि पीड़िताओं ने घटनाओं पर प्रतिक्रिया दी या नहीं, बल्कि यह है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। पुलिस ने दिल्ली स्थित डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में हुई एक कथित घटना का भी जिक्र किया और कहा कि शिकायतों के लिए राष्ट्रीय राजधानी उपयुक्त क्षेत्राधिकार है।

11 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसके पास सिंह के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पुलिस ने एसीएमएम जसपाल को सूचित किया कि सिंह और एक सह-आरोपी के खिलाफ स्पष्ट मामला है।

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