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Home राष्ट्रीय

बेंगलुरु में भाजपा कार्यालय को उड़ाने की साजिश को लेकर बोले जी परमेश्वर, मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है

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September 10, 2024
in राष्ट्रीय
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बेंगलुरु में भाजपा कार्यालय को उड़ाने की साजिश को लेकर बोले जी परमेश्वर, मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है
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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

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उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

–आईएएनएस

आरके/जीकेटी

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

–आईएएनएस

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

–आईएएनएस

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

–आईएएनएस

आरके/जीकेटी

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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बेंगलुरु, 10 सितंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की साजिश के संबंध में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में अब कर्नाटक के गृह मंत्री गंगाधरैया परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ इतना पता चला कि उनकी योजना भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी। उस आदमी ने भाजपा कार्यालय की रेकी भी की थी। वह अपने पास मौजूद डिवाइस लेकर वहां गया था। उसने उसे दफ्तर के मोटरसाइकिल पर रख दिया था। इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा, “हम आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं को कमतर नहीं आंक रहे हैं, इनकी निगरानी केंद्रीय एजेंसियां ​​एनआईए, सीबीआई और अन्य एजेंसियां करती हैं। वह न केवल कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में इन गतिविधियों पर निगरानी करते हैं। तो सवाल यह है कि हमें इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।”

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को एक खुलासा किया। एनआईए ने बताया कि कैसे आईएसआईएस से प्रेरित साजिशकर्ताओं ने पहले भी कई हमलों की योजना बनाई थी। साजिशकर्ताओं की साजिश में अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु में भाजपा के प्रदेश कार्यालय को उड़ाने की योजना भी शामिल थी। हालांकि, साजिशकर्ताओं की यह योजना विफल हो गई।

एनआईए ने बताया, “आरोपी ताहा और शाज़िब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फंड दिया गया था, जिसे ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफॉर्म की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला कि आरोपियों ने बेंगलुरु में हिंसा के विभिन्न कृत्यों को अंजाम देने के लिए फंड का इस्तेमाल किया था। इसमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में राज्य भाजपा कार्यालय पर एक असफल आईईडी हमला शामिल था, जिसके बाद दोनों प्रमुख आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में हुई है। इन पर भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इन चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वे इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

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