सागर. प्रसव के बाद बेटा होने पर एक प्रसूता को घर छोडऩे के एवज में जननी एंबुलेंस चालक ने परिजनों से 1100 रुपये की मांग की. जानकारी लगने पर प्रबंधन ने एंबुलेंस चालक को नौकरी से निकाल दिया. सागर जिले के बीना में प्रसूता से जननी एक्सप्रेस के ड्राइवर द्वारा 11 सौ रुपये मांगे जाने की शिकायत पर प्रशासन ने उसको सेवा से मुक्त कर दिया है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 को उन्हें शिकायत मिली थी कि खुरई विकास खंड के ग्राम धनोरा निवासी कमलेश आदिवासी ने देवरानी ममता आदिवासी को सरकारी अस्पताल बीना में प्रसव हेतु भर्ती कराया था. बता दें कि प्रसव होने के बाद अस्पताल से छुट्टी के उपरांत हितग्राही की महिला को अस्पताल से उसके गांव तक जाने के लिए उसके द्वारा एंबुलेंस की सहायता लेने की कोशिश की.
उसने अस्पताल में खड़ी जननी एक्सप्रेस वाहन के चालक अभिषेक अहिरवार से नव प्रसूता को घर तक छोड़ने को कहा तो उसने पहले पूछा कि प्रसूता को लड़का हुआ है कि लड़की, महिला द्वारा बताया कि लड़का हुआ.
इस पर जननी एक्सप्रेस वाहन चालक द्वारा घर छोड़ने के लिए 1100 रुपये की मांग की थी, जिसकी शिकायत की गई थी. इस संबंध में कंपनी और जिला प्रबंधक 108 सागर को कार्रवाई हेतु पत्र लिखा गया. रवीन्द्र खरे जिला प्रबंधक 108 जेएईएस जिला सागर ने लिखित में बताया कि उक्त प्रकरण में 108 जेएईएस कम्पनी एवं बेंडर द्वारा जननी एक्सप्रेस वाहन चालक अभिषेक अहिरवार को ऐसा करने पर तत्काल सेवा से मुक्त कर दिया गया है.