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Home राष्ट्रीय

बैंकों को फर्जी ईमेल भेज कर करते थे हेराफेरी, दो गिरफ्तार

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August 14, 2024
in राष्ट्रीय
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बैंकों को फर्जी ईमेल भेज कर करते थे हेराफेरी, दो गिरफ्तार
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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

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डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

एसएम/एसकेपी

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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

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डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

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डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

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ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

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डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

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डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

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डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

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डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

एसएम/एसकेपी

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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

–आईएएनएस

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नागपुर, 14 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के नागपुर की साइबर सेल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। उसने साइबर पुलिस के नाम पर बैंकों से लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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ये शातिर अपराधी साइबर सेल के नाम पर बैंक को फर्जी ई-मेल आईडी भेज कर लोगों के साथ ठगी करते थे। मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर अपने बैंक खाते में धोखाधड़ी से पैसे जमा करवाते थे। एक दिन बैंक के मैनेजर को शक हुआ तो उन्होंने नागपुर साइबर पुलिस से संपर्क किया।

डीसीपी नितिन गोयल ने मीडिया से इस पूरे मामले की जानकारी साझा दी। उन्होंने कहा कि हमें आईसीआईसीआई बैंक से एक कॉल आया था, जिसमें बैंक मैनेजर ने बताया कि उन्हें नागपुर पुलिस के रेफरेंस से एक मेल आया है। इस मेल के जरिए कुछ बैंक अकाउंट को बंद करने और कुछ को दोबारा शुरू करने के लिए कहा गया था।

उन्होंने बताया कि बैंक को यह ईमेल आईडी संदिग्ध लगी और उन्होंने इसकी सूचना नागपुर साइबर पुलिस को दी। हमने तुरंत कार्रवाई शुरू करते हुए ईमेल आईडी की जांच शुरू की और पता चला कि इस मामले में मुंबई के दो व्यक्ति शामिल हैं। हमने उनके घर पर दबिश डालकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपियों ने 6 बैंकों के 176 अकाउंट को बंद और चालू करने के लिए मेल भेजे थे।

डीसीपी नितिन गोयल ने आगे बताया कि आरोपियों का उद्देश्य था पुलिस का रिफेंस देकर बैंक अकाउंट से फर्जीवाड़ा करना। उनकी योजना बैंक से अकाउंट को बंद करने और खोलने के नाम पर लाखों रुपए की वसूली करने की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी ने लोगों से सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को ई-फ्रॉड से लिए सतर्क रहना चाहिए। किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर साइबर सेल पुलिस की मदद लें। पीड़ित व्यक्ति जितनी जल्दी फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराएंगे, हम उतनी ही तत्परता से इस पर कार्रवाई कर पाएंगे।

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