मेलबर्न, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान पैट कमिंस ने एमसीजी में पाकिस्तान के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले कबूतर का लोगो लगाने पर सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा के रुख का समर्थन किया है। यह लोगो एक मानवीय और शांति का संदेश है।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मैच के दौरान अपने बल्ले और जूतों पर कबूतर का स्टिकर लगाने के ख्वाजा के अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसे उन्होंने रविवार के अभ्यास सत्र के दौरान लगाया था।
इस लोगो के जरिए मानवीय संदेश और मानव अधिकारों की बात उठाई जाती है। इसमें बताया जाता है कि सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं, और सबको समान अधिकार मिले हुए हैं। वे तर्क और विवेक से संपन्न हैं और उन्हें एक-दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना से काम करना चाहिए।”
ख्वाजा को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन द्वारा लोगो लगाने की मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन आईसीसी ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि लोगो के कारण खेलने की स्थिति में “कपड़े और उपकरण नियम” का उल्लंघन होगा।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज मार्नस लाबुशेन ने बाइबिल की कविता, यशायाह 40:31 के साथ एक ईगल लोगो लगाया, जिसमें कहा गया है, “जो लोग प्रभु में विश्वास रखते हैं, उनकी ताकत नई होगी। वे ईगल की तरह पंखों पर उड़ान भड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और थकेंगे नहीं।”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लाबुशेन और ख्वाजा के लोगो में कोई अंतर दिखाई देता है। कमिंस ने कहा, “वास्तव में नहीं। मैं एप्लिकेशन के अंदर और बाहर की क्या जानकारी है, वो नहीं जानता, लेकिन मुझे लगता है कि इसमें कोई अंतर नहीं है। हम वास्तव में उस्मान ख्वाजा का समर्थन करते हैं। मुझे लगता है कि वह जो मानता है उसके लिए खड़ा है और मुझे लगता है कि वह इसे वास्तव में सम्मानपूर्वक कर रहा है।”
गाजा मानवीय संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में ख्वाजा को पहले पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट के दौरान अपने जूतों पर “सभी जीवन समान हैं” और “स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है” स्लोगन लगाने से रोक दिया गया था। फिर, उन्होंने मैच के दौरान काली पट्टी पहनी थी लेकिन ऐसा करने पर आईसीसी ने उन्हें फटकार लगाई।
कमिंस ने कहा, “सभी जीवन समान हैं और मुझे नहीं लगता कि यह बहुत अपमानजनक है। वह अपना सिर ऊंचा रख सकता है, लेकिन हमें नियमों का भी ध्यान रखना है। इसलिए, मेरा मानना है कि आईसीसी ने कहा है कि वे इसे मंजूरी नहीं देंगे। वे नियम बनाते हैं और आपको इसे स्वीकार करना होगा।
“मैंने उज्जी से काफ़ी बात की है। मैं ज़्यादा गहराई में नहीं जाऊंगा, लेकिन यह वास्तव में वैसा ही है जैसा उसने सार्वजनिक रूप से कहा है। वह सभी जीवन को समान रूप से देखता है। वह वहां युद्ध को एक युद्ध के रूप में देखता है, जिस पर वह प्रकाश डालने की कोशिश कर रहा है। हम उसका समर्थन करते हैं।”
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलियाई टीम में ऐसा माहौल बनाने की भी बात कही जहां खिलाड़ी अपने विश्वास पर कायम रहें।
–आईएएनएस
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