बेंगलुरू, 7 फरवरी (आईएएनएस)। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कर्नाटक में एक विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, मंगलवार को उन्होंने यू-टर्न लेते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें किसी ब्राह्मण के सीएम बनने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं है, उनकी टिप्पणी केंद्रीय खान, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी पर थी।
उन्होंने कहा, भाजपा अगर सत्ता में आने पर केंद्रीय खान, कोयला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी को मुख्यमंत्री बनाने की योजना बना रही है, तो पार्टी को विधानसभा चुनाव से पहले उनकी उम्मीदवारी की घोषणा करनी चाहिए। मुझे किसी भी उम्मीदवार पर कोई आपत्ति नहीं है। ब्राह्मण समुदाय से मुख्यमंत्री बनाया जाता है, समुदाय में योग्य उम्मीदवार हैं।
मेरे द्वारा प्रह्लाद जोशी के नाम का उल्लेख करने का मुख्य कारण यह नहीं है कि वह एक ब्राह्मण हैं। वह एक वंश से संबंधित हैं, जिसमें महात्मा गांधी के हत्यारे और श्रृंगेरी मठ पर हमला करने वालों का डीएनए है। कर्नाटक के ब्राह्मण सुसंस्कृत हैं। मेरा भाजपा को ठीक करने का कोई इरादा नहीं है।
कुमारस्वामी ने कहा, बीजेपी में अधिकांश लोग घुटन भरे माहौल का अनुभव कर रहे हैं। घटनाक्रम संतोषजनक नहीं हैं। येदियुरप्पा के नेतृत्व में 2006 की बीजेपी सरकार अब नहीं है। पार्टी, आलाकमान और आरएसएस प्रचारकों की मुट्ठी में फंस गई है। चुनाव में वोट पाने के लिए अलग-अलग चेहरे और सीएम पद पर पिछले दरवाजे से एंट्री करने की साजिश कर लोगों को धोखा नहीं देना चाहिए। इसलिए मैं चिंता व्यक्त कर रहा हूं।
उन्होंने कहा, बीजेपी ने पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा को दरकिनार कर दिया है, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा से बाहर रखा गया। मुझे जानकारी मिली है कि चुनाव के बाद प्रल्हाद जोशी सीएम बनेंगे। बीजेपी ने आठ डिप्टी सीएम बनाने की भी योजना बनाई है, मुझे उनकी सूची मिल गई है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह सोच रहे हैं कि कुमारस्वामी भाजपा के आंतरिक मामलों के बारे में कैसे सपने देख सकते हैं। उन्होंने कहा, वह (कुमारस्वामी) कुछ न कुछ बताते रहते हैं।
अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अशोक हरनहल्ली ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय पूर्व पीएम देवेगौड़ा के परिवार के प्रति सम्मान रखता है। लेकिन, उनके बेटे कुमारस्वामी की टिप्पणियों ने ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। राजनीतिक आलोचना करते हुए समुदाय का नाम घसीटना उनकी गरिमा को शोभा नहीं देता।
उडुपी पेजावर मठ के विश्वप्रसन्नतीर्थ स्वामीजी ने कुमारस्वामी से सवाल किया था कि क्या ब्राह्मणों को मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए? क्या वे इस देश के नागरिक नहीं हैं?
विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वह कुमारस्वामी के बयानों को स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन सवाल तभी उठता है जब बीजेपी सत्ता में आती है। उन्होंने कहा कि भाजपा 50 से 60 सीटों में सिमट जाएगी।
–आईएएनएस
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