बीजिंग, 12 जनवरी (आईएएनएस)। इंडोनेशिया-चीन भागीदारी अनुसंधान केंद्र के आर्थिक विशेषज्ञ और इंडोनेशियाई विद्वान अलेक्जेंडर माइकल जयदी ने कहा है कि ब्रिक्स सहयोग तंत्र में शामिल होने से इंडोनेशिया में विकास के नए अवसर आएंगे।
हाल ही में, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के साथ एक इंटरव्यू में, जयदी ने इंडोनेशिया की घरेलू अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पैटर्न के लिए इस सदस्यता के गहन रणनीतिक महत्व पर जोर दिया।
ब्राजील ने 2025 के लिए 6 जनवरी को ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में इंडोनेशिया की आधिकारिक सदस्यता की घोषणा की। जयदी के विचार में, ब्रिक्स सहयोग तंत्र की स्थापना के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता।
उनका मानना है कि ब्रिक्स विकासशील देशों के लिए एक मंच है जहां वे एक-दूसरे से सीखते हैं और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हैं, जिसका उद्देश्य व्यापार और वित्तीय आदान-प्रदान के माध्यम से सदस्य देशों को ठोस लाभ पहुंचाना है।
जयदी ने ब्रिक्स देशों के बीच विशिष्ट सहयोग की ओर इशारा करते हुए कहा, “चीन अफ्रीका के साथ अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को साझा करता है, जबकि भारत और ब्राजील अफ्रीका के साथ उष्णकटिबंधीय कृषि में अपने अनुभव साझा करते हैं।” ये साझेदारियां ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक आदान-प्रदान और प्रथाओं के मूल सिद्धांतों को दर्शाती हैं।
जयदी के अनुसार, चीन इंडोनेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और ब्रिक्स सहयोग तंत्र में इंडोनेशिया के शामिल होने से चीन के साथ आर्थिक और व्यापारिक सहयोग और गहरा होगा।
इसके अलावा, उन्होंने अन्य ब्रिक्स देशों के साथ इंडोनेशिया की महत्वपूर्ण व्यापार क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया में चीन और भारत के साथ व्यापार की अपार संभावनाएं हैं और भविष्य में इंडोनेशियाई उत्पादों के लिए अपने निर्यात बाजार का और विस्तार कर सकता है। ब्रिक्स सहयोग तंत्र में शामिल होने से इंडोनेशिया के विकास के लिए नए अवसर आएंगे।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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