बीजिंग, 12 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन-2023 जल्द ही आयोजित किया जाएगा।
इटालियन न्यू सिल्क रोड संवर्धन संघ के अध्यक्ष, चीन मुद्दों के विशेषज्ञ फ्रांसेस्को मारिंगियो ने हाल ही में चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हाल के वर्षों में, उभरती अर्थव्यवस्थाएं, विशेष रूप से ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं, जो विश्व अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति बन गयी हैं।
इसके विपरीत जी-7 गिरावट में है। ऐसी परिस्थितियों में यूरोपीय देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों के राजनीतिकरण और दूसरों के बहिष्कार वाले “छोटा वृत्त” स्थापित करने के जाल से बाहर निकलना और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करना है।
साल 2009 में अपनी स्थापना के बाद से, विश्व अर्थव्यवस्था में ब्रिक्स देशों की कुल आर्थिक मात्रा का अनुपात लगातार बढ़ रहा है।
मारिंगियो ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की पिछली रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साल 2023 में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में ब्रिक्स की हिस्सेदारी 560 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो जी-7 के 520 खरब डॉलर से अधिक होगी। साल 2028 तक, यह अनुपात एक तिहाई तक पहुंच जाएगा।
मारिंगियो के विचार में इससे पता चलता है कि उभरते देशों का आर्थिक विकास विकसित पूंजीवादी देशों से कहीं अधिक होगा। जहां ब्रिक्स देशों की आर्थिक ताकत लगातार बढ़ रही है, वहीं उनके राजनीतिक प्रभाव में भी काफी उन्नत हुआ है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष छिड़ने के बाद, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए। दुनिया भर के विकासशील देशों ने यूरोपीय और अमेरिकी देशों पर भरोसा खो दिया। एकध्रुवीय व्यवस्था पर भरोसा करने के खतरों को देखते हुए, अधिक से अधिक देश ब्रिक्स में शामिल होने का इरादा रखते हैं।
मारिंगियो ने कहा कि ब्रिक्स देशों के राजनीतिक प्रभाव में वृद्धि से विश्व व्यवस्था अधिक विविध और संतुलित बनेगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस