deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home अंतरराष्ट्रीय

ब्रिक्स सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उठाए व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच के मुद्दे

देशबन्धु by देशबन्धु
September 8, 2025
in अंतरराष्ट्रीय
0
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को वैश्विक आर्थिक विमर्श में व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच को प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

READ ALSO

डिजिटल दुनिया में पली-बढ़ी युवा पीढ़ी, सोशल मीडिया उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा: स्वर्ण सिंह

नेपाल संकट पर बोले पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा, ‘पीएम ओली दें इस्तीफा’

ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, “सामूहिक रूप से दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पूर्वानुमानित वातावरण की तलाश कर रही है। साथ ही, यह जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हो। जब कई व्यवधान हों तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से बचाव करना होना चाहिए। इसका अर्थ है अधिक लचीली, विश्वसनीय, अनावश्यक और छोटी आपूर्ति श्रृंखलाएं बनाना। इतना ही नहीं, यह भी जरूरी है कि हम विनिर्माण और उत्पादन का लोकतंत्रीकरण करें और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उनके विकास को प्रोत्साहित करें। इस संबंध में प्रगति क्षेत्रीय आत्मनिर्भरता में योगदान देगी और अनिश्चितता के समय में चिंताओं को कम करेगी।”

ADVERTISEMENT

उन्होंने आगे कहा, “व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच आज वैश्विक आर्थिक विमर्श में प्रमुख मुद्दे हैं। दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। बढ़ती बाधाएं और लेन-देन को जटिल बनाने से न कोई मदद मिलेगी और न ही व्यापार उपायों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से कोई मदद मिलेगी। ब्रिक्स स्वयं अपने सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करके एक मिसाल कायम कर सकता है। जहां तक भारत का सवाल है, हमारे कुछ सबसे बड़े घाटे ब्रिक्स भागीदारों के साथ हैं और हम शीघ्र समाधान के लिए दबाव डाल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह अहसास आज की बैठक के निष्कर्षों का हिस्सा होगा।”

विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी, गैर-भेदभावपूर्ण, समावेशी, न्यायसंगत और विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार के साथ नियम-आधारित दृष्टिकोण के मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि इसे संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए।

कोविड महामारी, यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष, व्यापार और निवेश प्रवाह में अस्थिरता और चरम जलवायु घटनाओं के कारण हुए प्रभावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है।

जयशंकर ने कहा, “आज दुनिया की स्थिति वास्तविक चिंता का विषय है। पिछले कुछ वर्षों में कोविड महामारी का विनाशकारी प्रभाव, यूक्रेन और मध्य पूर्व-पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष, व्यापार और निवेश प्रवाह में अस्थिरता, चरम जलवायु घटनाएं और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) एजेंडे में स्पष्ट रूप से मंदी देखी गई है। इन चुनौतियों के सामने बहुपक्षीय व्यवस्था दुनिया के लिए विफल होती दिख रही है। इतने सारे गंभीर तनावों को अनदेखा किया जाना स्वाभाविक रूप से वैश्विक व्यवस्था के लिए परिणामकारी है। इसी समग्र चिंता पर अब ब्रिक्स चर्चा कर रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “ब्रिक्स के सदस्य विभिन्न प्रकार के समाजों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इन घटनाक्रमों से गहराई से प्रभावित हैं। अतीत में भी, हमारा प्रयास अपनी-अपनी राष्ट्रीय नीतियों के बीच समान आधार खोजने और उसके आधार पर कार्य करने का रहा है। आज, अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और विश्व व्यवस्था को स्थिर करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, लेकिन यह भी उतना ही आवश्यक है कि हम चल रहे संघर्षों पर भी ध्यान दें, खासकर इसलिए क्योंकि इनका विकास और आपूर्ति श्रृंखला पर सीधा प्रभाव पड़ता है।”

ADVERTISEMENT

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आज विश्व चल रहे संघर्षों का तत्काल समाधान चाहता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण ने अपनी खाद्य, ऊर्जा और उर्वरक सुरक्षा में गिरावट का अनुभव किया है।

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कामकाज में कई क्षेत्रों में भारी कमियां देखी गई हैं। दुर्भाग्य से प्रमुख मुद्दों पर गतिरोधों ने साझा आधार की तलाश को कमजोर कर दिया है। इन अनुभवों ने सामान्य रूप से सुधारित बहुपक्षवाद और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र एवं उसकी सुरक्षा परिषद की जरूरत को और भी जरूरी बना दिया है। ब्रिक्स ने सुधार की इस जरूरत को सकारात्मक रूप से लिया है और हमें उम्मीद है कि यह सामूहिक रूप से बहुप्रतीक्षित बदलाव की एक मजबूत आवाज बनेगा।”

बता दें कि ब्रिक्स 11 देशों का एक समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान शामिल हैं। यह वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए और सबसे विविध क्षेत्रों में समन्वय के लिए एक राजनीतिक और कूटनीतिक समन्वय मंच के रूप में कार्य करता है।

ADVERTISEMENT

–आईएएनएस

वीकेयू/डीकेपी

देशबन्धु

Related Posts

अंतरराष्ट्रीय

डिजिटल दुनिया में पली-बढ़ी युवा पीढ़ी, सोशल मीडिया उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा: स्वर्ण सिंह

September 8, 2025
नेपाल संकट पर बोले पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा, ‘पीएम ओली दें इस्तीफा’
अंतरराष्ट्रीय

नेपाल संकट पर बोले पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा, ‘पीएम ओली दें इस्तीफा’

September 8, 2025
बलूचिस्तान में अमेरिका-चीन के दबाव से पाकिस्तान बेबस, निर्दोषों को चुकानी पड़ रही कीमत
अंतरराष्ट्रीय

बलूचिस्तान में अमेरिका-चीन के दबाव से पाकिस्तान बेबस, निर्दोषों को चुकानी पड़ रही कीमत

September 8, 2025
नेपाल में सड़क पर उतरा जेन जी, क्यों याद आया दो पड़ोसी मुल्कों का विद्रोह!
अंतरराष्ट्रीय

नेपाल में सड़क पर उतरा जेन जी, क्यों याद आया दो पड़ोसी मुल्कों का विद्रोह!

September 8, 2025
इजरायल में स्पेन के दो मंत्रियों की एंट्री पर लगी रोक, विदेश मंत्री ने बताई वजह
अंतरराष्ट्रीय

इजरायल में स्पेन के दो मंत्रियों की एंट्री पर लगी रोक, विदेश मंत्री ने बताई वजह

September 8, 2025
चीन में एआई कंपनियों की संख्या 5,000 के पार
अंतरराष्ट्रीय

चीन में एआई कंपनियों की संख्या 5,000 के पार

September 8, 2025
Next Post

सोशल मीडिया बैन जारी: नेपाल सरकार ने गठित की जांच समिति, 15 दिनों में मांगी रिपोर्ट

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

097217
Total views : 5967454
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In