नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। भारत ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में अपनी गहरी चिंता से यूके के अधिकारियों को अवगत कराया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ब्रिटेन स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों ने बुधवार देर शाम लंदन के चैथम हाउस के बाहर विदेश मंत्री जयशंकर के काफिले को रोकने की कोशिश की, जिसकी न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में कड़ी निंदा की गई।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हमने विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान यूके स्थित अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के उल्लंघन के बारे में यूके के अधिकारियों को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया है।”
जायसवाल ने कहा, “इस घटना का एक बड़ा संदर्भ है। यह ऐसी ताकतों को मिले लाइसेंस को समाने लाती है। साथ ही यह घटना इन ताकतों की धमकी और यूके में हमारी वैध राजनयिक गतिविधियों को बाधित करने के उद्देश्य से की गई इनकी अन्य कार्रवाइयों के प्रति उदासीनता को भी सामने लाती है। हालांकि हमने इस मामले पर यूके विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान को देखा है, लेकिन इसकी ईमानदारी के बारे में हमारा विचार इस और पिछले अवसरों पर दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर निर्भर करेगा।”
ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने गुरुवार को इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए कहा था कि सार्वजनिक कार्यक्रमों को ‘डराने, धमकाने या बाधित करने’ का कोई भी प्रयास ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ है।
यह पहली बार नहीं है कि भारत विरोधी और कट्टरपंथी तत्वों ने लंदन में प्रदर्शन, हमले या तोड़फोड़ किए हों।
मार्च 2023 में, खालिस्तानी तत्वों की ओर से लंदन में भारतीय उच्चायोग में उत्पात मचाने के बाद नई दिल्ली ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। विदेश मंत्रालय ने यूके अधिकारियों से ब्रिटिश सुरक्षा की पूर्ण अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण मांगा था, जिससे खालिस्तानी हुड़दंगियों को उच्चायोग परिसर में प्रवेश करने का मौका मिला।
पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने गुरुवार को एक्स पर लिखा, “ब्रिटिश खालिस्तानी चरमपंथियों को उनकी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए दी गई यह स्वतंत्रता अस्वीकार्य है। शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार के सुविधाजनक बहाने से ब्रिटेन ऐसे तत्वों को दी जाने वाली जगह के बारे में हमारे बार-बार विरोध को अनदेखा करते रहे हैं।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कई मौकों पर खालिस्तानी चरमपंथियों की आलोचना की है जो कनाडा, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में स्वतंत्रता कानूनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने पहले भी कई मौकों पर कहा है कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब हिंसा की वकालत करना नहीं हो सकता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी अन्य देश में अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन करना नहीं हो सकता।’
–आईएएनएस
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