लंदन, 24 जुलाई (आईएएनएस)। ब्रिटेन में भारतीय समुदाय ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद खुशी जाहिर की। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर को एक ऐसा कदम बताया, जिससे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
लंदन पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय समुदाय ने भव्य स्वागत किया।
‘मोदी, मोदी’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों के बीच, प्रवासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य किया और होटल के बाहर प्रधानमंत्री के स्वागत में पोस्टर लिए खड़े थे।
उनका स्वागत करने के लिए मौजूद एक प्रवासी ने कहा, “यह मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक बहुत अच्छा कदम है। हमें खुद को भारतीय कहने पर गर्व है क्योंकि प्रधानमंत्री ने देश को पूरी तरह से बदल दिया है।”
एक अन्य सदस्य ने आईएएनएस को बताया, “प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर के साथ, दोनों देशों के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे। हम इस समझौते से उत्पन्न होने वाले संभावित व्यापार को लेकर बहुत खुश हैं।”
एक अन्य प्रवासी सदस्य ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी से पहली बार मिलना वाकई बहुत अच्छा रहा। हम लंबे समय से मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा।”
कई लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलना एक भावुक और प्रेरणादायक क्षण था।
प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाले प्रवासी भारतीयों में से एक ने कहा, “उन्होंने हमसे हाथ मिलाया और आने के लिए धन्यवाद दिया। हमें उनके कार्यों पर गर्व है। डिजिटलीकरण से लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तक का श्रेय उन्हें जाता है।”
ब्रिटेन में रह रहे एक सेवानिवृत्त भारतीय सेना कैप्टन ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से आता हूं। यह देखकर कि वह भारत का कैसा नेतृत्व कर रहे हैं, मुझे गर्व होता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सराहनीय था। मुझे आशा है कि उनके नेतृत्व में भारत निरंतर समृद्ध होता रहेगा।”
भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को ऐतिहासिक बढ़ावा देते हुए गुरुवार को बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिससे दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार में लगभग 34 अरब डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है।
इस समझौते के तहत, भारत 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर शुल्क में कटौती करेगा, जबकि ब्रिटेन 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करेगा, जिससे कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी बाधाएं कम होंगी।
–आईएएनएस
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