लंदन, 25 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अपने जीवनसाथी और बच्चों को ब्रिटेन लाने से प्रतिबंधित किया जा सकता है, जब तक कि वे सरकारी योजनाओं के तहत उच्च मूल्य की डिग्री हासिल नहीं कर लेते।
द टाइम्स के अनुसार, जिन विदेशी छात्रों को विज्ञान, गणित और इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए वीजा दिया गया है, उनके आश्रितों को यूके में कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।
विदेशी छात्रों के साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों की संख्या में लगभग आठ गुना वृद्धि ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन को चिंतित कर दिया है।
नए आव्रजन आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 490,763 छात्रों को वीजा दिया गया था।
इन छात्रों के साथ रहने वाले आश्रितों, पति-पत्नी और बच्चों की कुल संख्या इस समय 135,788 है, जबकि 2019 में यह संख्या 16,047 थी।
इनमें से पिछले साल ब्रिटेन आने वाले 33,240 आश्रितों सहित 161,000 छात्रों के साथ भारत ब्रिटेन में छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बन गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 160,000 से अधिक प्रवासी अपने आवेदनों पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिनका बैकलॉग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
इस विवादास्पद मामले पर सरकार को अभी अंतिम निर्णय लेना है।
ब्रेवरमैन ने संख्या को कम करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें विदेशी छात्रों के पाठ्यक्रम के बाद ब्रिटेन में रहने की अवधि को कम करना शामिल है।
शिक्षा विभाग के अनुसार, परिवार को साथ रखने पर प्रतिबंध यूके के विश्वविद्यालयों को दिवालिया कर देंगे, जो पैसे के लिए विदेशी छात्रों पर निर्भर हैं।
अनुमान के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय छात्र ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सालाना 35 अरब पाउंड जोड़ते हैं।
यूके स्थित न्यू वे कंसल्टेंसी के अनुसार, विदेशी छात्रों और उनके आश्रितों ने न केवल 10,000 पाउंड से 26,000 पाउंड की फीस के माध्यम से बल्कि छात्र के लिए प्रतिवर्ष 400 पाउंड के एनएचएस अधिभार और एक आश्रित के लिए 600 पाउंड के माध्यम से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया।
कंसल्टेंसी ने चेतावनी दी कि स्नातक की पढ़ाई के लिए वीजा पर अंकुश भारतीय छात्रों को ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में जाने के लिए मजबूर करेगा, जो अंतत: ब्रिटेन को छात्र बाजार के अंत की ओर ले जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में 45,000 से अधिक लोग छोटी नावों में ब्रिटेन के लिए चैनल पार गए। अकेले क्रिसमस के दिन 90 प्रवासी चैनल को पार कर गए।
–आईएएनएस
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