लखनऊ, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को क्लार्क अवध होटल में आयोजित यूपी चैप्टर आईएसबीटीआई तथा ब्लड ट्रान्सफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहिमाटोलॉजी विभाग, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कांफ्रेंस ‘ट्रांसकॉन-2023’ के 48वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की।
इसमें सीएम योगी ने कहा कि पूरे देश में रोजाना डेढ़ करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। इसमें से 20 से 25 लाख यूनिट ब्लड कम पड़ जाता है। इसकी वजह लोगों में जागरुकता का अभाव है। इसका फायदा उठाकर रक्तदाता पैसों की डिमांड करता है और ब्लड के साथ कई बीमारियाें को भी देने का काम करता है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि लोगों को ब्लड डोनेशन के लिए जागरुक करें ताकि ब्लड की कमी को दूर किया जा सके।
इससे पहले सीएम ने ट्रांसकॉन-2023′ की सॉवेनियर का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 वर्षों बाद प्रदेश में सम्मलेन होने जा रहा है। ऐसे में यह सम्मेलन ब्लड ट्रांसफ्यूजन के फील्ड में काम करने वाले सभी विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जो इस क्षेत्र में प्रदेश को आगे ले जाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
सीएम ने कहा कि कोरोना कालखंड में एक-एक व्यक्ति की जान बचाना सरकार की प्राथमिकता थी। इस दौरान चिकित्सकों और हेल्थ वर्कर्स ने प्रतिबद्धता के साथ काम किया और हमने कोरोना को हराया। कोरोना काल में आधे प्रदेश में आईसीयू के एक भी बेड नहीं थे, लेकिन प्रयास से सभी जनपदों में कमी को पूरा किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत की 140 करोड़ की आबादी की तुलना में यूएसए की आबादी एक चौथाई है, लेकिन कोविड प्रबंधन में वह पूरी तरह फेल रहा। जबकि, भारत में यूएसए के मुकाबले संक्रमण और मृत्यु की दर काफी कम थी।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर की बात पब्लिक तन्मयता से सुनती है। ऐसे में उन्हें ब्लड डोनेशन के बारे में जागरुक करना होगा। इसके लिए गांव के स्कूलों में कॉन्फ्रेंस का आयोजन होना चाहिए।
–आईएएनएस
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