नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
पीएसके/एफजेड
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
पीएसके/एफजेड
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
पीएसके/एफजेड
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।
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नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने रविवार को कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़, योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान और भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी।
बांद्रा स्टेशन पर मची भगदड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीप दीक्षित ने सरकार से पीड़ितों को तुरंत मदद मुहैया कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस घटना में चोटिल हुए हैं, उनके लिए सरकार को जल्द से जल्द मेडिकल सहायता और उचित मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने इस घटना को रेलवे व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति का संकेत बताया, जिसमें भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के साथ हादसों की बढ़ती संख्या शामिल है।
उन्होंने कहा कि पिछले सात-आठ वर्षों में हम लगातार बड़े हादसों की गवाह बन रहे हैं। रेल मंत्री हो या रेलवे विभाग, सभी इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर रहे हैं। ट्रेनें अब समय पर नहीं चल रही हैं। ट्रेन के अंदर की व्यवस्था भी काफी खराब हो चुकी है।
संदीप दीक्षित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का विचार स्वाभाविक नहीं है, हर जगह एकता की आवश्यकता है। यह पुरानी कहावत भी है कि यदि आप एकजुट नहीं रहेंगे, तो कोई भी आपको बांटने और कमजोर करने में सक्षम होगा। लेकिन जब बात बंटवारे की आती है तो सबसे पहले बंटवारे की राजनीति स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी करती है। वे हिंदू और मुस्लिम के बीच दरार डालने का काम कर रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के समर्थकों को भी अलग तरह से परिभाषित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज सरकार पर सवाल उठाने पर भी समाज को जातियों, क्षेत्रों और यहां तक कि भाषाओं में बांटने की राजनीति की जा रही है। कई जगहों पर यह कहा गया है कि जो लोग हिंदी नहीं बोलते, उनकी भारतीयता पर सवाल उठाया जा रहा है। इसलिए, जो पार्टी और नेता स्वयं बंटवारे की राजनीति करते हैं, उनके मुंह से एकता की बातें करना उचित नहीं लगता। इस तरह की घटनाओं से यह भावना स्पष्ट नहीं होती कि सबको एक होना चाहिए और देश में एकता की आवश्यकता है।
संदीप दीक्षित ने समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पिछले 70 सालों से कह रही है कि भाजपा गुमराह करने की राजनीति कर रही है। आज समाजवादी पार्टी को भी यह समझ में आ गया है कि भाजपा देश के विकास के लिए विनाशकारी है।
भारत-चीन सीमा पर विदेश मंत्री के बयानों पर संदीप दीक्षित ने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरकार के बयानों में लगातार विरोधाभास नजर आ रहा है। जब प्रधानमंत्री कहते हैं कि कोई घुसपैठ नहीं हुई, तो सवाल उठता है कि फिर किसे खदेड़ा गया?” उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति नागरिकों में असुरक्षा का भाव पैदा कर रही है।