हैदराबाद, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। पार्टी छोड़ने की खबरों पर विराम लगाते हुए भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी.के. अरुणा ने इस बात से इनकार किया कि वह कांग्रेस पार्टी में लौटने की योजना बना रही हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस माइंड गेम खेल रही है।
अरुणा ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर मान्यता दी है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करना अपना सौभाग्य मानती हैं।
भाजपा नेता ने उन खबरों का खंडन किया जिसमें कहा जा रहा था कि पूर्व विधायक और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के पार्टी छोड़ने के बाद वह भी कांग्रेस में वापसी करेंगी।
राज गोपाल रेड्डी ने बुधवार को भाजपा छोड़ दी और घोषणा की है कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे।
उन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए पिछले साल कांग्रेस और विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भाजपा के टिकट पर मुनुगोडे निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव लड़ा लेकिन सीट बरकरार नहीं रख सके।
पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भाजपा के कुछ प्रमुख नेता कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
अरुणा 2019 के लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं।
पार्टी ने उन्हें महबूबनगर से मैदान में उतारा लेकिन वह टीआरएस (अब बीआरएस) के मन्ने श्रीनिवास रेड्डी से हार गईं। 2020 में उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्होंने अविभाजित आंध्र प्रदेश में वाई.एस. राजशेखर रेड्डी और के. रोसैया के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था।
इस बीच, एक अन्य बीजेपी नेता और पूर्व सांसद जी विवेक वेंकटस्वामी ने भी इस बात से इनकार किया है कि वह बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा में रहेंगे और अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कई बार वफादारी बदली है।
पार्टी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देने से इनकार करने के बाद उन्होंने 2019 में टीआरएस छोड़ दिया। 2013 में टीआरएस में शामिल होने से पहले वह कांग्रेस में थे।
2014 में वह कांग्रेस में लौट आए और पेद्दापल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा।
2016 में, वह टीआरएस में लौट आए लेकिन 2019 में फिर से पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
–आईएएनएस
एमकेएस/एसकेपी