पन्ना. जिले में अफसरशाही बुरी तरह से हावी है, सत्ताधारी भाजपा के विधायको तथा अन्य जिम्मेवार पदाधिकारीयां की भी अधिकारी सुन नहीं रहे है एवं मनमाने ढंग से संचालन कर रहे है. इसी प्रकार का मामला नगर परिषद पवई का सामने आया है, जहां पर नगर परिषद अध्यक्ष बसंत दहायत तथा एक दर्जन पार्षदो द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी की कार्य प्रणाली से नाराज हो कर नगर परिषद कार्यालय में 13 जनवरी को ताला बंदी कर दी गई.
मामला यह था कि नगर परिषद से संबंधित अनेक कार्य सीएमओ तथा अध्यक्ष एवं पार्षदो की सहमति से पर्षद के द्वारा निपटाये जाने थे, लेकिन नगर परिषद में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती तबसुम खान द्वारा अध्यक्ष तथा परिषद के अन्य सदस्यो की कोई बात नहीं सुनी जा रही है और न ही वह समय पर कार्यालय पंहुचती है, बताया जाता है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी घर पर ही बैठकर काम निपटाती है तथा नगर परिषद अध्यक्ष एवं पार्षदो को कोई महत्व नहीं देती है. जिससे नाराज हो कर अध्यक्ष तथा पार्षदको को यह कदम उठाना पड़ रहा है.
मामले के संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष बसंत दहायत एवं पार्षदों ने सामूहिक रूप से बताया कि निकाय की सीएमओ हफ्ते में दो-तीन दिन ही कभी-कभी ऑफिस आती हैं और कभी-कभी जरूरत होने पर भी नहीं आती जिससे सफाई कर्मचारियों की मकर संक्रांति का त्यौहार होने पर भी पिछले माह का वेतन भुगतान नहीं हुआ है. इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास और अन्य योजनाओं का लाभ भी पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है.
वार्डों में भी सफाई एवं प्रकाश व्यवस्था बिगड़ी हुई है इसके संबंध में हम सभी लोग सीएमओ से बात करना चाहते हैं परंतु वह ऑफिस में ही नहीं मिलती और ना ही फोन उठाती हैं सफाई कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग 12-15 वर्षों से नियमित नगर परिषद पवई में नगर की सफाई कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे हैं परंतु अभी तक हम लोगों की नियमित होने के लिए कोई भी फाईल आदि नहीं बनाई जा रही है.
उक्त तमाम मामलो को लेकर यह कदम उठा पड़ा जिसकी जानकारी लगने पर एसडीएम तथा क्षेत्रीय विधायक नगर परिषद कार्यालय पंहुचे तथा उन्होने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बुलाकर दोनो ओर से सहमति बनाते हुए मामले को निपटाया.