नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को भारतमाला परियोजना (बीपीपी-1) के चरण-1 के कार्यान्वयन पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ऑडिट रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे की अधिक लागत को गलत और भ्रामक बताया ।
द्वारका एक्सप्रेसवे पर सीएजी के खुलासे पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भारतमाला परियोजना के तहत, परियोजना-वार लागत को मंजूरी नहीं दी गई है। इसने केवल कार्यक्रम के लिए समग्र परिव्यय प्रदान किया। ऐसे में, लागत को 18.2 करोड़ रुपये प्रति किमी से बढ़ाकर 250 करोड़ रुपये प्रति किमी करना घोर गलतबयानी है। प्रति किमी लागत भारतमाला परियोजना के निर्माण के लिए 18.2 करोड़ रुपये पर विचार किया गया था, इसमें स्पष्ट प्रावधान था कि फ्लाईओवर, रिंग रोड की लागत डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के बाद स्थापित की जा सकती है, क्योंकि इनके लिए कोई लागत मानदंड नहीं हैं।”
“भारतमाला परियोजना के तहत शुरू की जा रही परियोजना की लागत इसकी डिजाइन सुविधाओं, इलाके और भौगोलिक स्थानों के आधार पर भिन्न होती है। संक्षेप में, निर्माण लागत परियोजना की प्रकृति के आधार पर भिन्न होती है।
मालवीय ने दावा किया, “सीएजी रिपोर्ट में, लागत 250 करोड़ रुपये प्रति किमी बताई गई है, जबकि 4 पैकेजों के लिए स्वीकृत लागत 206.39 करोड़ रुपये प्रति किमी है और लागत 181.94 करोड़ रुपये प्रति किमी है।” ।
सीएजी ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बोर्ड ने द्वारका एक्सप्रेसवे को 7,287.29 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी दे दी है, इसमें प्रति किमी 250.77 करोड़ रुपये है, जबकि आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा प्रति किमी 18.20 करोड़ रुपये की लागत को मंजूरी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीपीपी-I के लिए सीसीईए द्वारा निर्धारित मूल्यांकन और अनुमोदन तंत्र का कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है।
–आईएएनएस
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