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Home ताज़ा समाचार

भाजपा पंजाब, हिमाचल, दिल्ली में हार को भुलाकर जी20 के भरोसे 2024 के लिए तैयार

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December 25, 2022
in ताज़ा समाचार
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भाजपा पंजाब, हिमाचल, दिल्ली में हार को भुलाकर जी20 के भरोसे 2024 के लिए तैयार
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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

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एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

–आईएएनएस

पीके/एसजीके

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

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भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

–आईएएनएस

पीके/एसजीके

नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

–आईएएनएस

पीके/एसजीके

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नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए साल 2022 उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रभुत्व बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी ने कड़ी लड़ाई लड़ी।

भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में जीत हासिल की। इसने महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिरा दिया और शिवसेना के बागियों के साथ मिलकर सरकार बनाई।

एक्शन से भरपूर साल में भाजपा को ऊंचे दांव वाले राज्यों के चुनावों में जीत मिली, तो विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए कांग्रेस का अभियान चला और भारत को जी20 की अध्यक्षता मिली।

भाजपा दो राज्यों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के महत्वपूर्ण नगर निगम (एमसीडी) चुनाव हार गई। भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश में जीत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसी पहाड़ी राज्य से हैं, मगर जनता ने डबल इंजन सरकार को नकार दिया और कांग्रेस को सत्ता सौंप दी।

एमसीडी में भाजपा की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीधी लड़ाई थी। एमसीडी 2022 जीतकर आप ने भाजपा की पिछले 15 सालों से चली आ रहे शासन को तोड़ दिया। यह भी भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है।

इन चुनावों में हारने के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली, क्योंकि उसने गुजरात में सरकार बरकरार रखी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

भाजपा द्वारा अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के प्रभारी पदाधिकारियों और विभिन्न फ्रंटल संगठनों और राज्यों में संगठन के प्रभारी अध्यक्षों और महासचिवों के लिए दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय बैठक को पार्टी द्वारा स्टॉक लेने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

लोकसभा चुनाव दूर हैं, लेकिन भाजपा ने खुद को वैचारिक और संगठनात्मक मोर्चो पर व्यस्त रखने और मैक्रो और माइक्रो स्तरों पर हावी होने के लिए कमर कस ली है।

अपनी हिंदुत्व विचारधारा की सार्वजनिक स्वीकृति के बारे में भाजपा ने आज जितना सुरक्षित महसूस नहीं किया होगा। अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन, जो अब दिसंबर 2023 के लिए निर्धारित है, वैसे भी 2024 के अभियान की प्रस्तावना होगी।

पार्टी 2023 में कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों का सामना करेगी, जहां वह सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जिसे वह वापस जीतना चाहती है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जे.पी. नड्डा 2024 के आम चुनावों के लिए प्रभारी बने रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अध्यक्षता को एक समावेशी कार्यक्रम बनाया जाए, क्योंकि यह देश की संस्कृति और विविधता को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। उन्होंने पार्टी नेताओं से इस उपलब्धि पर हर भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने और उन्हें भी इस ऐतिहासिक अवसर का सहभागी बनाने को कहा।

भाजपा के लिए अपने पक्ष में लोगों का विश्वास मजबूत करने के लिए जी20 भी एक बड़ा मंच है। जी20 बैठक की सफलता 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त दे सकती है।

–आईएएनएस

पीके/एसजीके

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