मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
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दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
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भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
–आईएएनएस
डीकेएम/एकेजे
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
–आईएएनएस
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
–आईएएनएस
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जम्मू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ शुक्रवार को भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया।
मोर्चा ने जोर देकर कहा कि आर्टिकल 370 को कभी भी दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा। मोर्चा ने सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने किश्तवाड़ जिले में पंचायत सदस्य पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की।
भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ता कामनी चोपड़ा ने आईएएनएस से कहा, “आज हम लोग सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। आर्टिकल 370 को खत्म कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था। हम सभी ने देखा है कि आर्टिकल 370 के खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है। रोजगार के अवसर पैदा हुए। महिलाओं तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंचीं। बुजुर्गों तक स्वास्थ्य से संबंधित योजनाएं पहुंचाई गईं। आर्टिकल 370 दफन हो चुका है, इसे दोबारा लाना नामुमकिन है। यह नहीं होना चाहिए।”
एक अन्य कार्यकर्ता नेहा महाजन ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में अमन-चैन देखने को मिला था। पर्यटक यहां आने लगे थे। जी-20 का कार्यक्रम हुआ। लेकिन, विधानसभा में भाजपा के विधायकों को निकाला जा रहा है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ हैं। वह लोगों को उन्हीं परिस्थितियों में डालना चाहते हैं, जहां कभी यहां के लोग थे।
दिव्या जैन ने कहा, “हमें शुरू से लगता था कि प्रदेश में जो सरकार बनी है वह लोगों के लिए नहीं बनी है। भाजपा संविधान की हमेशा रक्षा करती है।”
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 6 नवंबर को आर्टिकल 370 को फिर बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।