नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने राजस्थान में कानून व्यवस्था की खराब हालत का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है, कई लोग वहां घुट रहे हैं लेकिन अपनी बात ऊपर तक पहुंचाने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
सोमवार को भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी का दामन थामने के बाद कांग्रेस आलाकमान और राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए नागौर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने कहा कि राजस्थान की हालत दयनीय हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के कारण उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि 2023 में होने वाले विधान सभा चुनाव और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में वह भाजपा को राजस्थान में बड़ी जीत दिलाने के लिए प्रयास करेंगी।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह और राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ज्योति मिर्धा के पार्टी में आने से भाजपा के राजस्थान में मजबूत होने का दावा करते हुए कानून व्यवस्था और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं का जिक्र कर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा।
दरअसल, राजस्थान में विधान सभा चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की पूर्व लोक सभा सांसद ज्योति मिर्धा को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी और राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में पार्टी के दिल्ली स्थित राष्ट्रीय मुख्ययाल में ज्योति मिर्धा ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
इसके साथ ही रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस के पूर्व विधायक के पुत्र सवाई सिंह चौधरी ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
आपको बता दें कि, राजस्थान की राजनीति में मिर्धा परिवार का अपना एक राजनीतिक कद रहा है जिसका फायदा कांग्रेस को मिलता रहा है। ज्योति मिर्धा राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं और 2009 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नागौर सीट से चुनाव जीत कर वह सांसद भी रह चुकी हैं। लेकिन 2014 के लोक सभा चुनाव में उन्हें भाजपा उम्मीदवार सीआर चौधरी और 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा समर्थित एनडीए उम्मीदवार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मुखिया हनुमान बेनीवाल से हार का सामना करना पड़ा था।
लेकिन चूंकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी मुखिया हनुमान बेनीवाल अब एनडीए से किनारा कर चुके हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि भाजपा 2024 के लोक सभा चुनाव में उन्हें नागौर लोक सभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना सकती है, हालांकि इससे पहले उन्हें इस वर्ष के अंत तक राज्य में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत दिखानी होगी।
यह माना जा रहा है कि राजस्थान के जाट समुदाय खासकर जाट मतदाता बाहुल्य लोक सभा क्षेत्र नागौर में वोटरों को साधने के लिए भाजपा ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराया है ताकि विधान सभा चुनाव में भी भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाया जा सके।
–आईएएनएस
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