बेंगलुरु, 30 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक के भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण ने हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कांग्रेस नेता सिद्दारमैया को खत्म करो वाले उनके बयान के कारण उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
वरिष्ठ वकील लक्ष्मी अय्यंगार ने सोमवार को न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले को उठाने का अनुरोध किया।
उन्होंने तर्क दिया, घटना महीनों पहले हुआ था। राज्य में सरकार बदलने के बाद एक शिकायत दी गई है और एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पीठ ने कहा कि इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
याचिका में दावा किया गया है कि शिकायत संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के खिलाफ है और अवैध रूप से दायर की गई है।
वकील ने तर्क दिया, बिना सबूत के आपराधिक धमकी, दंगा भड़काने और इरादतन उकसावे का मामला दर्ज किया गया है। याचिकाकर्ता के बयान के बाद कोई भी शांति भंग नहीं हुई और यह स्पष्ट नहीं है कि बयान से कौन प्रभावित होगा और उसके खिलाफ शिकायत एक कल्पना है।
मैसुरु जिले में अभद्र भाषा के संबंध में अश्वथ नारायण के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने मैसूर के देवराज उर्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
यह बयान 15 फरवरी को मांड्या जिले के सतनूर गांव में चुनाव प्रचार के दौरान दिया गया था। कांग्रेस नेताओं ने इस संबंध में 17 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
लक्ष्मण ने शिकायत में कहा है कि अश्वथ नारायण ने सिद्दारमैया को खत्म करने का आह्वान करके सार्वजनिक रूप से उकसाया था। इससे पहले सिद्दारमैया पर हमले का प्रयास किया गया था, जब उन्होंने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
–आईएएनएस
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