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Home राष्ट्रीय

भाजपा सरकार में मस्जिदों के प्रति नई दुश्मनी पैदा हो गई : राशिद अल्वी

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October 25, 2024
in राष्ट्रीय
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भाजपा सरकार में मस्जिदों के प्रति नई दुश्मनी पैदा हो गई : राशिद अल्वी
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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

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हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

पीएसके/जीकेटी

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

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कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

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योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

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योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

पीएसके/जीकेटी

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

पीएसके/जीकेटी

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने आरक्षण, धार्मिक स्थलों के प्रति दुश्मनी, न्याय व्यवस्था की पारदर्शिता और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

नाना पटोले द्वारा आरक्षण खत्म किए जाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि आरक्षण खत्म करने के लिए सबसे पहले आरएसएस का बयान आया था। आरएसएस ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने को लेकर बयान दिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने यू-टर्न ले लिया। राहुल गांधी ने कहा था कि जब समाज बराबर हो जाएगा और ओबीसी और अपर कास्ट में कोई फर्क नहीं रहेगा, तब किसी को आरक्षण की जरूरत नहीं रहेगी। यही बात महाराष्ट्र के अध्यक्ष ने भी कही थी। भाजपा में समझ की कमी है, इसलिए वह जानबूझकर लोगों के बीच गलतफहमी पैदा कर रही है।

हिमाचल प्रदेश में मस्जिद के विवाद के बाद उत्तरकाशी में हिंदू संगठनों द्वारा मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है। भाजपा की सरकारों के अंदर मस्जिदों के प्रति एक नई दुश्मनी पैदा हो गई है। हर जगह से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मस्जिदों को गिराया जाए। दूसरी तरफ, मुस्लिम देशों में मंदिर बनाए जा रहे हैं। यह स्थिति लंबे समय तक नहीं रह सकती है और इसकी प्रतिक्रिया होनी शुरू हो जाएगी। यह देश को सिविल वॉर की तरफ ले जा रहे हैं। आज आपके पास ताकत है, सरकार है, लेकिन सरकार हमेशा नहीं रहेगी, इसलिए इन बातों से बाज आनी चाहिए और मस्जिदों-मंदिरों की हिफाजत करनी चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि मजहबी जगह की हिफाजत की जाए।

कोर्ट में न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी इसलिए बंधी थी कि वह अपना और पराया नहीं देखे। लेकिन, भाजपा की सरकार में आंखें इसीलिए खोली गई हैं ताकि न्याय की देवी जान सके कि कौन अपना है और कौन पराया। इस माहौल में न्याय का सही निर्णय देना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस देश में बहुत सारे फैसले इसी तरह के हो रहे हैं। कहीं पर जज कह रहे हैं कि मस्जिद के अंदर अल्लाह हू अकबर बोला जाए। कोई जज कह रहा है कि गाय को राष्ट्रीय जानवर बनाया जाए। कोई जज कुछ बोल रहा है, तो कोई भाजपा में शामिल हो रहा है। ऐसे माहौल के अंदर न्याय की देवी की पट्टी खोलना जरूरी है, ताकि फैसला देते वक्त वह अपने और पराये में तमीज कर सके।

कांग्रेस 20 प्रतिशत टिकट पैसे लेकर देती है, हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं और असम में बहुत सारे टिकट बांटे हैं, इसका मतलब है कि वह पैसे लेकर लोगों को टिकट दे रहे थे। वह अपना तजुर्बा बता रहे हैं, भाजपा को उनसे सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि वह भाजपा में भी यही तरीका अपनाने लगें।

योगी सरकार के गौ रक्षा घर बनाने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर शत्रु की संपत्ति की बात कर रहे हैं, तो वह सरकार की संपत्ति है और उसका इस्तेमाल सरकार के कामों में ही होना चाहिए। अदालत इस तरह संपत्ति के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देती।

बॉर्डर से चीन और भारतीय सेना के पीछे हटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि, बड़ा सवाल है। अगर पीछे हटने का एग्रीमेंट हुआ है, तो यह अच्छी बात है। लेकिन, इसका मतलब है कि चीन पहले हमारे घर में घुस चुका था। यदि चीन हमारे घर में नहीं घुसा था, तो पीछे हटने का क्या मतलब? चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ के बयान के अनुसार, अप्रैल 2020 तक फौजी अपने स्थान पर वापस नहीं जाएंगे, इसलिए चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ हुए एग्रीमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों में कोई शंका न रहे।

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